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चुनावी वर्ष में दावों-वादों की गूंज, CONG के नौकरी, पेंशन वृद्धि के वादे तो BJP दे रही नियुक्ति पत्र, आवास पट्टे

मध्य प्रदेश में 2023 के अंत में नई सरकार काम संभालेगी जिसके लिए अभी से भाजपा और कांग्रेस कमर कसकर मैदान में उतर आई हैं। भाजपा सत्ता में है तो वह अपने 18 साल से ज्यादा के कार्यकाल में किए गए कामों को बयां करने के साथ जनता को दिखाने के लिए नौकरियां पाने वालों को नियुक्ति पत्र देने जा रही है और जरूरतमंदों को आवासीय पट्टे दे रही है। वहीं, कांग्रेस अपने सवा साल की सरकार के कामों को गिनाने के साथ नई सरकार में आने पर नौकरियों के रास्ते खोलने, नई पेंशन से लेकर तमाम वादों को करने में जुटी है।
मध्य प्रदेश में दिसंबर 2023 में नई सरकार का गठन हो जाएगा जिसके लिए सितंबर-अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है। चुनाव में उतरने के पहले राज्य में मौजूदा शिवराज सरकार पांचवीं बार सत्ता हासिल करने के लिए मतदाताओं के सामने अपने कामों को पहुंचाने में जुट गई है। हर परिवार को आवास देने के वादे से आगे अब शिवराज सरकार परिवार के बड़े हो जाने पर उनके बच्चों के परिवार को भी आवास देने की शुरुआत करने जा रही है। टीकमगढ़ में साढ़े दस हजार लोगों को ऐसे पट्टे देकर सीएम शिवराज सिंह चौहान योजना की शुरुआत करके लोगों में सरकार के जनहितैषी होने की साख बनाने में जुटे हैं। इसी तरह वे कांग्रेस व विपक्ष के बेरोजगारी के मुद्दे को गलत साबित करने के लिए पुलिस में हाल ही में 6000 सिपाहियों की भर्ती का जवाब देने उन्हें सार्वजनिक कार्यक्रम में नियुक्ति पत्र देने वाले हैं।
कांग्रेस नौकरी, नई पेंशन, किसान कर्ज माफी जैसे वादों के साथ मैदान में
विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस जनता के सामने 2018 में निर्वाचित सरकार को 2020 में गिराए जाने के मुद्दे को पुरजोर तरीके से रखने की रणनीति पर चल रही है। साथ ही नई सरकार में अपने मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में कमलनाथ को आगे कर रही है। वहीं, कमलनाथ नई सरकार में आते ही किसानों की कर्ज माफी के पुराने वादे को पूरा करने और नौकरियों के अवसर खोलकर भर्ती अभियान चलाने, नई पेंशन स्कीम की जगह पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने, निराश्रित-विधवा पेंशन, संविदा कर्मियों की समस्याओं को निपटाने के तत्कालिक वादों को लेकर जनता के बीच जा रहे हैं। कमलनाथ चुनाव में वचन पत्र के पहले ही जनता से उनकी रोजमर्रा की समस्याओं के निराकरण के लिए वादे कर रहे हैं।
2023 विधानसभा चुनाव आसान नहीं
मगर, विधानसभा चुनाव 2023 भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए आसान नहीं है क्योंकि भाजपा संगठन व सरकार में जनता के बीच एंटीइनकवेंसी को लेकर शंका-कुुशंका है तो कांग्रेस में बड़े नेताओं के बीच की दूरी बड़ी समस्या है। इससे भाजपा के चार बार सत्ता में रहने से एंटीइनकवेंसी को कांग्रेस अपनी ताकत बनाने में अभी तक चूक रही है तो कांग्रेस के आंतरिक मतभेदों को भाजपा जनता के बीच अब तक लेकर नहीं जा पाई है। भाजपा जनता को सरकार चलाने के लिए पार्टी के आंतरिक अनुशासन की आवश्यकता को समझाने में कामयाब रही तो चुनाव काफी दिलचस्प होगा। फिर 2018 विधानसभा चुनाव जैसे भाजपा-कांग्रेस के बीच एकाध फीसदी वोट का अंतर हो सकता है और भाजपा-कांग्रेस के बीच सीटों में जरा से फर्क से सरकार बनने की स्थिति पैदा हो सकती है।
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