नामीबिया-दक्षिण अफ्रीका से लाए चीतों में से ज्वाला मादा चीता ने जिन भारतीय जमीन पर जिन चार चीतों को जन्म दिया था, उनमें से दो की ओर मौत हो गई। इस तरह तीन दिन में चार में से तीन शावकों की मौत हो गई है और एक जीवित शावक भी गंभीर रूप से बीमार बताया जा रहा है। वन विभाग शावकों की मौतों को लेकर कह रहा है कि शावकों के जीवित बचने का प्रतिशत बहुत कम होता है। कूनो में अब 18 चीते बचे हैं जिनमें से एक शावक है जो ज्वाला का बच्चा है।
मध्य प्रदेश में 17 सितंबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को पालपुर कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़कर भारत में 52 साल से विलुप्त इस वन्यप्राणी को फिर घर प्रदान किया था। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते 2023 में लाए गए जिन्हें मिलाकर देश में चीतों की संख्या 20 हो गई थी। इन चीतों की वंशवृद्धि के लिए वन विभाग ने दक्षिण अफ्रीकी-नामीबियाई चीता विशेषज्ञों की सलाह पर ज्वाला की मेटिंग नर चीतों से कराई थी। इसमें ज्वाला ने 24 मार्च को चार नन्हें शावकों को जन्म दिया जिन्हें पहली बार 29 मार्च को देखा गया था। इन्हें वन विभाग ने निगरानी में रखा था।
आठ-दस दिन से ज्वाला के साथ घूम रहे थे शावक
चारों शावकों ने हाल ही में मां ज्वाला के साथ घूमना शुरू किया था और वे काफी लंबी दूरी तक मां के साथ घूम रहे थे। इस बीच 23 मई को इन शावकों में से एक की मौत हो गई तो शेष की निगरानी वन विभाग ने बढ़ा दी। ज्वाला को भी निगरानी में रखा गया। तीन शावकों की हालत भी खराब दिखाई दी तो उन्हें चिकित्सकीय निगरानी के लिए रेस्क्यू की कोशिश के दौरान दो शावकों की मौत हो गई। एक जीवित शावक की मेडिकल टीम द्वारा निगरानी की जा रही है। मृत दो शावकों का पोस्टमार्टम किया जा रहा है।
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