प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वकांक्षी चीता प्रोजेक्ट पर बुरी नजर लग गई है और कूनो नेशनल पार्क में एक और अफ्रीकन चीता तेजस की मौत हो गई। इस बार अफ्रीकन चीता आपसी लड़ाई में मारा गया। चीता प्रोजेक्ट में चार महीने के भीतर सात चीों की मौत हो चुकी है जिससे प्रोजेक्ट के तहत नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीतों पर संकट मंडराने लगा है। पढ़िए रिपोर्ट।
सूत्रों ने बताया कि नामीबिया से लाई गई फीमेल चीता शबाना को मेटिंग के लिए बड़ा क्रमांक छह में छोड़ा गया था। इस बाड़े में पहले से ही तेजस रह रहा था।मेटिंग कराने दोनों मेल-फीमेल चीतों को बाड़े में एकसाथ छोड़ जाने के बाद दोनों के बीच लड़ाई हो गई। इसमें शबाना के हमले से तेजस को चोटें आईं और वह बुरी तरह घायल हो गया था।
घायल चीता की उपचार के शुरू होने के पहले ही मौत
पार्क प्रबंधन की ओर से जारी अधिकृत बयान में बताया गया कि सुबह लगभग 11 बजे मॉनिटरिंग टीम द्वारा नर चीता तेजस (बाड़ा क्रमांक 6) की गर्दन के ऊपरी हिस्से में चोट के निशान देखे गए। इसकी सूचना मॉनिटरिंग टीम द्वारा पालपुर मुख्यालय पर उपस्थित वन्य प्राणी चिकित्सकों को दी गई। वन्य प्राणी चिकित्सकों द्वारा मौके पर जाकर तेजस चीते का मुआयना किया और प्रथम दृष्टया घावों को गंभीर पाया। इसके बाद तेजस को बेहोश कर उपचार करने के लिए अनुमति प्राप्त कर तैयारी के साथ चिकित्सकों का दल मौके पर रवाना हुआ। लेकिन जब तक डॉक्टरों की टीम कूनो नेशनल पार्क पहुंची उसके पहले दक्षिण अफ्रीका चीता तेजस की मौत हो चुकी थी। चीता तेजस को लगी चोटों के संबंध में जांच की जा रही है। पोस्टमॉर्टम के बाद ही मौत के कारणों का पता चल सकेगा।
टास्क फोर्स भंग, एक और स्टीयरिंग कमेटी बनी
वन्य प्राणी विशेषज्ञ राजेश गोपाल के नेतृत्व में स्टीयरिंग कमिटी सौंपने के बाद भी कूनो में चीता की हो रही मौत का सिलसिला थम नहीं पा रहा है। केंद्र सरकार ने गीता के प्रबंधन के लिए बनाई गई टास्क फोर्स कमेटी भंग कर दी है। इसकी जगह पर एक और स्टीयरिंग कमेटी मध्यप्रदेश कैडर से सेवानिवृत्त राजेश गोपाल को ही की कमान सौंपी गई है। इस कमेटी में आरएन मल्होत्रा और पीआर सिन्हा जैसे वरिष्ठ वन्य प्राणी विशेषज्ञों को शामिल किया गया है। कमेटी में सीनियर और जूनियर को लेकर शीत युद्ध भी छिड़ गया है।
कब-कब हुई चीता की मौत
- 26 मार्च 23 को सासा की किडनी इन्फेक्शन से मौत
- 23 अप्रैल को सीता उदय की कार्डियक आर्टरी फेल होने से मौत
- 9 मई को दक्षिण अफ्रीका चीता दक्षा की मेटिंग के दौरान मौत
- 23 मई को ज्वाला के एक शावक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत
- 25 मई को लू के प्रकोप से ज्वाला के दो और शावकों की मौत
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