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ग्वालियर व्यापार मेला: बाहर के लोग रोड टैक्स में छूट के साथ बिना टीआर ले सकेंगे अपने शहर का नंबर
पूरे प्रदेश के किसी भी जिले में रहने वाले अगर इस बार ग्वालियर व्यापार मेले से दो या चार पहिया वाहन खरीदते हैं तो उन्हें दोहरा लाभ मिलेगा। पहला इस साल भी प्रदेश सरकार ने रोड टैक्स में 50 प्रतिशत तक छूट देने का ऐलान कर दिया है। दूसरा केंद्र सरकार द्वारा मोटर व्हीकल एक्ट में किए गए संशोधन का लाभ मेले से वाहन खरीदने वाले प्रदेश के लोगों को मिलेगा। उन्हें रोड टैक्स में 50 फीसदी की छूट तो मिलेगी ही, बल्कि वे ग्वालियर में ही रजिस्ट्रेशन कराकर अपने शहर का नंबर भी ले सकेंगे।
ऐसा होने पर उन्हें अस्थाई रजिस्ट्रेशन (टीआर) नहीं कराना होगा। पिछले साल मेले में लगाए गए ऑटोमोबाइल सेक्टर से ग्वालियर के अलावा मप्र के दूसरे शहरों से लोगों ने छूट का लाभ लेने के लिए वाहन खरीदे थे, लेकिन उन्हें टीआर लेना पड़ा था। इस बार इसकी बाध्यता नहीं है इसलिए ऐसे हर दुपहिया वाहन पर 600 रुपए और चारपहिया पर 2600 रुपए टीआर शुल्क की बचत खरीददार को होगी।
पिछले साल 4838 गाड़ी गईं थीं बाहर
ग्वालियर व्यापार मेले में वाहन खरीदने पर लगातार दूसरे साल रोड टैक्स में 50 प्रतिशत की छूट दी गई है और नए मोटर व्हीकल एक्ट के प्रावधानों के अनुसार कहीं भी रजिस्ट्रेशन आवेदन किया जा सकता है और उसके लिए कोई अलग से शुल्क नहीं लगेगा।
मेले के ऑटोमोबाइल सेक्टर में इस बार मर्सिडीज, वॉल्वो, ऑडी के स्टॉल भी लग रहे हैं। इन गाड़ियों के डीलर शोरूम ग्वालियर में नहीं हैं। इसलिए ये गाड़ियां ग्वालियर में पहली बार बिकेंगी।
प्रदेश के लोगों को ही मिलेगी रोड टैक्स में छूट, देना होगा दस्तावेज आरटीओ एमपी सिंह के मुताबिक, मेले से गाड़ी खरीदने वाले प्रदेश के लोगों को ही रोडटैक्स में छूट का लाभ मिलेगा। उन्हें रजिस्ट्रेशन के लिए आधार कार्ड या निवास से संबंधित प्रमाण पत्र देना होगा।
मेले में छूट मिलने पर दूसरे शहर एवं राज्यों के लोग भी वाहन खरीदने यहां आते हैं। लेकिन प्रदेश सरकार ने पिछले मेले में बंदिशें लगा दीं और दूसरे राज्यों के लोग अपने नाम पर गाड़ी नहीं खरीद सकते थे। फिर भी मेले से 4838 गाड़ियां टीआर पर बाहर गई थीं।
पिछली बार छूट देने पर 500 करोड़ पर पहुंचा था काराेबार, इस बार और अधिक की उम्मीद
वर्ष 2002-03 के बाद सेल्स टैक्स छूट बंद होने के कारण मेले में ऑटोमोबाइल सेक्टर लगना बंद हो गया था। फिर 2008 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने रोड टैक्स में 50 प्रतिशत की छूट दी, तो ऑटोमोबाइल कारोबारी मेले में पहुंचे, लेकिन उसके बाद सरकार ने ये छूट बंद कर दी। इस कारण मेले में ऑटोमोबाइल सेक्टर लगना फिर बंद हो गया था। ऐसा होने पर मेले का कारोबार 100 से 150 करोड़ रुपए पर सिमट गया। पिछले साल सत्ता में आने के बाद कांग्रेस ने रोड टैक्स में 50 फीसदी छूट दी थी। इस कारण ऑटोमोबाइल सेक्टर लगा और इसकी बदौलत मेले का कारोबार 500 करोड़ से ज्यादा का हुआ। मेला अवधि में 17500 छाेटे-बड़े वाहन बिके थे। इस बार और अधिक कारोबार की उम्मीद जताई जा रही है।
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