भोपाल शहर में कांग्रेस राजनीति मंे आंतरिक नाराजगी खुलकर सामने आने लगी है, लेकिन अंसतुष्ट नेता खुलकर यह बात कहने से अभी बच रहे हैं। वे यही कह रहे हैं कि कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं को वे पार्टी के प्रति समर्पित रहने के लिए प्रयास कर रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व महामंत्री गोविंद गोयल इस बीड़े को उठाकर चल रहे हैं। गोयल के खिलाफ आज पीसीसी के सामने कुछ कांग्रेसी नेताओं ने पुतला दहन भी किया।
कांग्रेस नेता गोविंद गोयल को पीसीसी की नवगठित कमेटी में शामिल नहीं किया गया है और इसको लेकर वे नाराज तो हैं लेकिन खुलकर बोल नहीं रहे हैं। उन्होंने गांधी जयंती के दिन से अपने तरीके से असंतोष को दिखाया लेकिन नाराजगी होने की बात से इनकार करते रहे। मुंडन कराया, पीसीसी के सामने तंबू लगाकर चरखा चलाया और मौन रखा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने वहां पहुंचकर भाषण दिया और यह जाहिर करने की कोशिश की कि उनकी सहमति से तंबू लगाया गया है और प्रोग्राम चल रहा है। मगर आज कांग्रेस के झंडे वरिष्ठ नेताओं को सौंपने पर यह नाराजगी छिपी नहीं रही लेकिन फिर गोयल यही कहते रहे कि वे कांग्रेस नेताओं को यह संदेश देना चाह रहे हैं कि कांग्रेसी को अपने घर पर पार्टी का झंडा फहराकर अपने समर्पण को दिखाना चाहिए। वे अपनी पत्नी के श्राद्ध में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार चौहान से लेकर महापौर आलोक शर्मा की घर पर आवभगत करते हैं तो भी वे नहीं स्वीकारते कि पार्टी से नाराजगी के चलते बीजेपी नेताओं से संपर्क में हैं। गोयल आखिर क्यों खुलकर यह नहीं कह रहे कि वे पीसीसी से बाहर किए जाने से नाखुश हैं? यह सवाल आम कांग्रेस नेता ही नहीं वरिष्ठ कांग्रेस नेता के दिमाग में भी कौंध रहा है।
Leave a Reply