मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग द्वारा बहुविधि कलानुशासनों की गतिविधियों एकाग्र ‘गमक’ की दूसरी श्रृंखला में आज विख्यात पार्श्व गायक एवं अभिनेता किशोर कुमार की पुण्यतिथि के अवसर पर उनके गीतों पर एकाग्र ‘वो शाम कुछ अजीब थी’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया| इस कार्यक्रम में हरफन मौला गायक कलाकार किशोर कुमार का भावपूर्ण स्मरण उनके यादगार गीतों से किया गया |
कार्यक्रम की शुरुआत सुमधुर गायक कलाकार श्री शिव राव द्वारा प्रसिद्द गीत – ‘वो शाम कुछ अजीब थी’ से हुई, इसके पश्चात् -कुछ तो लोग कहेंगे, दिए जलते हैं, शोखियों में घोला जाए, रूप तेरा मस्ताना, जीवन से भरी तेरी आँखें, मुसाफिर हूँ यारो एवं आने वाला पल जाने वाला है आदि एकल गीत प्रस्तुत किये| श्री राव एवं सुश्री शोभना प्रधान द्वारा किशोर कुमार- तुम आ गए हो नूर आ गया है, इस मोड़ से जाते हैं, तेरे बिना जिन्दगी से कोई शिकवा, जाने जाँ ढँूढता फिर रहा, देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए आदि युगल गीतों की प्रस्तुति दी गई |
स्क्रिप्ट लेखन रफ़ी शब्बीर, संगीत संयोजन – वतन धूरिया एवं ढोलक/परकशन पर मूलचंद तिरैया, पैड पर-प्रवीण बाली, गिटार पर- संदीप वर्मा, कीबोर्ड पर- राजू राव और वतन धूरिया और बेस गिटार पर सार्थ रायकवार ने संगत दी| प्रस्तुति- राहुल रस्तोगी, मंच निर्माण एवं प्रकाश परिकल्पना- अनूप जोशी (बंटी) की|
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