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गणतंत्र का उत्सव 'लोकरंग' का आरंभ

गणतंत्र का उत्सव ‘लोकरंग’ का आरंभ

मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग द्वारा अयोजित ‘लोकरंग’ रवीन्द्र भवन परिसर, भोपाल में 26 जनवरी से आरंभ हो रहा है। 36वें लोकरंग समारोह को इस वर्ष कोविड-19 के दिशा-निर्देशों के परिपालन में सीमित करते हुए 26 से 30 जनवरी, 2021 तक रवीन्द्र भवन, भोपाल में आयोजित किया जारहा है। इस वर्ष मध्यप्रदेश के आंचलिक और जनजातीय जीवन, कला, संस्कृति, संस्कार और उसकी रचनाधर्मिता के साथ ही अन्य राज्यों के बहुवर्णी सांस्कृतिक पक्षों पर एकाग्र आयोजित होगा।

इस उत्सव में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां 26 से 30 जनवरी, 2021 तक प्रतिदिन मुख्य मंच पर सायं 07:00 बजे से होंगी। ‘लोकरंग’ समारोह के मुख्य अतिथि श्री शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री- मध्यप्रदेश होंगे एवं अध्यक्षता सुश्री उषा ठाकुर, मंत्री, संस्कृति अध्यात्म एवं पर्यटन विभाग, मध्यप्रदेश करेंगी। पांच दिवसीय बहु—कलावर्णी समारोह में प्रत्येक नागरिक का प्रवेश नि:शुल्क है।  

            समारोह में इस वर्ष बुन्देली संस्कृति एवं कला आधारित समवेत प्रस्तुति ‘बोध’ जिसमें बुन्देलखण्ड में प्रचलित पारम्परिक नृत्य और गायन रूपों को समाहित किया गया है कि प्रस्तुति शुभारंभ संध्या 26 जनवरी, 2021 को संयोजित की जायेगी। प्रतिदिन सायं 5.30 बजे से मुख्य मंच पर पूर्वरंग के अन्तर्गत पश्चिम बंगाल का बाउल गायन, मध्यप्रदेश का बुन्देली गायन, भोजपुरी गायन-बिहार, मालवी गायन-मध्यप्रदेश, कश्मीरी गायन-कश्मीर और निमाड़ी गायन-मध्यप्रदेश की प्रस्तुतियाँ संयोजित होंगी। मुख्य मंच पर प्रतदिन सायं 7 बजे से मुख्य प्रस्तुतियों के अन्तर्गत भीली कलाओं आधारित समवेत नृत्य-उन्मुक्त की प्रस्तुति के साथ ही मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, उत्तराखण्ड राज्यों की नृत्य प्रस्तुतियाँ संयोजित होंगी। प्रदेश की गोण्ड, कोरकू, भारिया, बैगा जनजातियों के नृत्य, छत्तीसगढ़ का पंथी, महाराष्ट्र का लिंगो और धनगिरीगजा, उड़ीसा का गोटिपुआ, राजस्थान का सपेरा और भवई, गुजरात का राठ, उत्तरप्रदेश का होली मयूर, कर्नाटक का ढोलू कुनिता, उत्तराखण्ड का कुमाऊँनी नृत्य कलाकार अपने-अपने प्रदेशों की नृत्य परम्परा को प्रस्तुत करेंगे। 27 जनवरी, 2021 को उल्लास के अंतर्गत बच्चों की फिल्मों का प्रदर्शन किया जायेगा जिसका शुभारम्भ दोपहर 02 बजे ख्यात फिल्म अभिनेता श्री राकेश श्रीवास्तव, मुंबई द्वारा होगा, देशान्तर के अन्तर्गत 28 जनवरी, 2021 को ईरान की सांस्कृतिक प्रस्तुति संयोजित होगी। 

विविध शिल्प माध्यमों के शिल्प मेले के अन्तर्गत प्रदेश और अन्य राज्यों के लगभग 75 पारम्परिक शिल्पी अपने शिल्पों का प्रदर्शन और विक्रय करेंगे। जिसमें बांस, घांस, लकड़ी, लोहा, पीतल, पत्ता, लाख, विभिन्न तरह की वस्त्र परम्पराओं के शिल्पकार शिरकत कर रहे हैं। इस के साथ ही इस वर्ष मध्यप्रदेश के विविध शिल्प माध्यमों की प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें मिट्टी, बांस, गुड़िया, लाख जनजातीय आभूषण, माण्डना, गोदना, गोण्ड और भील जनजातीय चित्र के साथ ही वस्त्र रंगाई, छपाई आदि के पन्द्रह पारम्परिक कलाकार हिस्सेदारी करेंगे और शिल्प निर्माण की तकनीक और प्रक्रिया को जिज्ञासुओं के समक्ष प्रदर्शित करेंगे। उत्सुक इन कलाओं को शिल्पियों से सीखेंगे भी जिसकी व्यवस्था मेला परिसर में की गई है। 

            लोकरंग समारोह में विषय आधारित प्रदर्शनियों के संयोजन का सिलसिला शुरूआती वर्षों से किया जा रहा है। इस वर्ष भील जनजातीय पिथौरा के कलाकार स्व. पेमाफत्या और गोण्ड जनजातीय चित्रकार सुश्री कलाबाई श्याम के अवदान पर केन्द्रित चित्र प्रदर्शनी ‘प्रणति’ का संयोजन किया गया है। मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग की विभिन्न ईकाइयों द्वारा प्रकाशित संस्कृति, कला और साहित्य आधारित प्रकाशन भी जन सामान्य के लिये सुलभ होंगे। 

            30 जनवरी को राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की पुण्यतिथि के अवसर पर ‘पीर पराई जाने रे’…  संगीत संध्या अन्तर्गत ख्यात सूफी गायिकायें रूहानी सिस्टर्स, नई दिल्ली का गायन होगा। 

समारोह की तिथिवार रूपरेखा-  

26 जनवरी, 2021 

–           शुभारंभ/संध्या 07.00 बजे 

–           गणतंत्र दिवस समारोह परेड में चयनित प्रतिभागियों और झांकियों के राज्य स्तरीय पुरस्कारों का वितरण 

–           बोध – बुन्देली संस्कृति एवं कला आधारित समवेत प्रस्तुति 

27 जनवरी, 2021 

दोपहर 02.00 बजे से 

–           उल्लास – बच्चों की फिल्में / रवीन्द्र भवन सभागार 

            काफल (हिन्दी) 2013/निर्देशक -बतुल मुख्तियार/ अवधि 90 मिनट 

            हैप्पी मदर्स डे (हिन्दी) 2015/ निर्देशक-अंजुलि शुक्ला/ अवधि 108 मिनट 

-लोकराग 

सायं 05.00 बजे से/ मुक्ताकाश मंच 

            बुन्देली गायन-सुश्री गीता देवी-मध्यप्रदेश 

            बाउल गायन-श्री बामा प्रसाद-पश्चिम बंगाल 

सायं 07.00 बजे से  

–           उन्मुक्त-भीली कलाओं आधारित समवेत नृत्य 

–           गोण्ड जनजातीय सैला नृत्य, मध्यप्रदेश 

–           भारिया जनजातीय भड़म नृत्य, मध्यप्रदेश 

–           गोटीपुआ नृत्य, उड़ीसा 

–           धनगिरीगजा नृत्य, महाराष्ट्र 

–           पंथी नृत्य, छत्तीसगढ 

–           ढोलूकुनीता नृत्य, कर्नाटक 

–           भवई नृत्य, राजस्थान 

–           छपेली नृत्य, उत्तरांचल 

–           चरकुला नृत्य, उत्तप्रदेश 

28 जनवरी, 2021 

दोपहर 02.00 बजे से 

–           उल्लास – बच्चों की फिल्में / रवीन्द्र भवन सभागार 

            पप्पू की पगडण्डी (हिन्दी) 2014/ निर्देशक -सीमा देसाई/अवधि 90 मिनट 

–           पिंटी का साबुन (हिन्दी) 2016/ निर्देशक –प्रमोद पाठक/अवधि 85:21 मिनट  

लोकराग 

सायं 05.00 बजे से/मुक्ताकाश मंच 

            लांगुरिया गायन-शुभम यादव, मध्यप्रदेश 

            मालवी गायन-अभिषेक निगम, मध्यप्रदेश 

            भोजपुरी गायन-सरिता साज, नईदिल्ली  

धरोहर 

–           सायं 07.00 बजे से  

            कोरकू जनजातीय ढांढल नृत्य, मध्यप्रदेश 

            गोण्ड जनजातीय गुदुम बाजा, मध्यप्रदेश 

            बैगा जनजातीय नृत्य, मध्यप्रदेश 

            गोटीपुआ नृत्य, उड़ीसा 

            धनगिरीगजा नृत्य, महाराष्ट्र 

            पंथी नृत्य, छत्तीसगढ  

            ढोलूकुनीता नृत्य, कर्नाटक  

            कालबेलिया नृत्य, राजस्थान 

            घसयारी नृत्य, उत्तरांचल 

            ब्रज की होली नृत्य, उत्तप्रदेश 

29 जनवरी, 2021 

दोपहर 02.00 बजे से 

–           उल्लास – बच्चों की फिल्में / रवीन्द्र भवन सभागार 

            गट्टू (हिन्दी) 2011/निर्देशक -राजन खोसा/अवधि 88 मिनट 

            गऊरू-जर्नी ऑफ •रेज 2016/निर्देशक -राम किशन चोयल/अवधि 126 

लोकराग 

सायं 05.00 बजे से/मुक्ताकाश मंच 

            कश्मीरी गायन-पंकज हाण्डू, कश्मीर 

            निमाड़ी गायन-हेमलता उपाध्याय, मध्यप्रदेश 

            भोजपुरी गायन-रहमुद्दीन, मध्यप्रदेश 

धरोहर 

सायं 07.00 बजे से  

            कोरकू जनजातीय नृत्य, मध्यप्रदेश 

            भारिया जनजातीय सैताम नृत्य, मध्यप्रदेश 

            उरांव नृत्य, छत्तीसगढ़  

            धनगिरीगजा नृत्य, महाराष्ट्र 

            पंथी नृत्य, छत्तीसगढ़ 

            ढोलूकुनीता नृत्य, कर्नाटक  

            कालबेलिया और भवई नृत्य, राजस्थान 

            जोनसारी, उत्तरांचल 

            मयूर नृत्य, उत्तप्रदेश 

            ईरान का नृत्य-संगीत 

30 जनवरी, 2021 

सायं 07.00 बजे से 

–           महात्मा गाँधी की पुण्य तिथि 

            पीर पराई जाने रे 

            सूफी गायन-रूहानी सिस्टर्स, नईदिल्ली 

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