दमोह के गंगा जमुना स्कूल में टीचरों के धर्म परिवर्तन और स्कूल संचालक अन्य जिहादी गतिविधियों में शामिल होने की शिकायतों के बाद अब राज्य शासन की उस दिशा में जांच शुरू होने जा रही है। इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिए हैं। गंगा जमुना स्कूल में जिहादी गतिविधियों के पर्दाफाश के बाद खुल रहे नए नए राज।
बुंदेलखंड के गंगा जमुना विद्यालय के संचालकों का कारोबार केवल शिक्षण तक सीमित नहीं है बल्कि उसकी दो बीड़ी कंपनी गंगा जमुना और 352 हैं। तेंदूपत्ता का भी बड़ा कारोबार है। उसका भोपाल में कपड़े का कारखाना, हार्डवेयर का कारोबार, रेत खनन, करीब 1800 एकड़ में भूमाफिया, सिटी के आसपास करीब 300 एकड़ जमन भी है। उसके पेट्रोल पंप, और गंगा जमुना दाल मिल भी है। दाल मिल की उसकी दाल सऊदी अरब और यूएई में सप्लाई है। उसका गंगा जमुना धर्मकांटा और नई दिल्ली, भोपाल, जबलपुर, बंगलुरू व हैदराबाद में कई फ्लैट, ऑफिस व मकान भी हैं।
जिहादी तत्वों को संरक्षण
यह भी बताया जा रहा है कि गंगा जमुना स्कूल का संचालक जिहादी तत्वों को संरक्षण भी देता है। उसकी फंडिंग से लव जिहाद में लगे तत्वों को अजमेर और अन्य शहरों में शिफ्ट भी किया जा चुका है। उसके द्वारा केंद्रीय एक्साइज की चोरी भी की गई। मुख्यमंत्री चौहान ने इन तमाम शिकायतों को गंभीरता से जांच के लिए सीएम व डीजीपी को निर्देशित किया है। चौहान ने शिकायतों के लिए जांच समिति भी गठित करने को कहा है और जल्द से जल्द ठोस एक्शन लेने को कहा है। गौरतलब है कि गत सप्ताह दमोह के गंगा जमुना विद्यालय में विद्यार्थियों को प्रबंधन द्वारा स्कार्फ और हिजाब का उपयोग अनिवार्य रूप से करने की शिकायतें सामने आई थीं जिसके बाद धर्म परिवर्तन के तथ्य भी सामने आए।
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