आज भी लोगों को अपने परिजनों-रिश्तेदारों के अंतिम संस्कार खुले स्थान पर करना पड़ रहा है और बारिश के ऐसे मौसम में जब किसी व्यक्ति का दाह संस्कार होना हो तो ऐसे हालात बन जाते हैं कि पार्थिव शरीर का अंतिम क्रियाकर्म करना मुश्किल हो जाता है। खरगोन जिले में ऐसे ही हालात बने। पढ़िये रिपोर्ट।
खरगोन जिले के झिरन्या जनपद क्षेत्र के पुलिया गांव में ग्रामीणजन एक मृतक का अंतिम (दाह) संस्कार करने के लिये श्मशान पहुंचे। श्मशान स्थल पर टीनशेड नहीं था, तो ग्रामीणजन शव का खुले स्थान पर ही दाह संस्कार करने लगे। इसी दौरान भारी बारिश होने लगी, तो श्मशान स्थल पर टीनशेड न होने के कारण शव (जिसका दाह संस्कार हो रहा था) वह तेज पानी के बहाव में बह गया। ग्रामीणों ने बड़ी मुश्किल से शव का दाह संस्कार किया। इस घटना से गुस्साये ग्रामीणों ने सीईओ को आवेदन देकर उनके गांव में पक्का शांतिधाम बनाने की मांग की। यह मामला मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग के संज्ञान में आया है जिसमें आयोग ने कलेक्टर एवं सीईओ, जिला पंचायत से प्रकरण की जांच करने के निर्देश देते हुए अब तक हुई कार्रवाई की जानकारी एक महीने में तलब की है।
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