इंदौर में जिस खनिज अधिकारी के यहां लोकायुक्त की विशेष पुलिस स्थापना ने छापा मारा है, उसकी पूरी सर्विस की तनख्वाह करीब सवा एक करोड़ रुपए होती है लेकिन छापे में अब तक उसकी साढ़े सात करोड़ की संपत्ति का खुलासा हो चुका है। अभी बैंक खातों व लॉकर की जानकारी सामने आना बाकी है। जानिये खनिज अधिकारी की संपत्ति की खदान का ब्योरा।
देवास जिले के जिला खनिज अधिकारी मोहन सिंह खतेडिया ने 1991 में सरकारी नौकरी ज्वाइन की थी। उसने इंदौर, धार और देवास में ज्यादातर नौकरी की और अभी उसकी तनख्वाह करीब डेढ़ लाख रुपए प्रति माह है। उसके खिलाफ लोकायुक्त की विशेष पुलिस स्थापना ने आज सुबह अनुपातहीन संपत्ति के मामले में छापे की कार्रवाई शुरू की थी जिसके लिए इंदौर व उज्जैन में चार ठिकानों पर छापे मारे। उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) बी और 13 (2) के तहत प्रकरण दर्ज था।
छापे में खतेड़िया की यह संपत्ति मिली
(अचल संपत्ति )
- दौर में तुलसी नगर स्थित तीन मंज़िला भवन।
- उज्जैन में महाकाल वाणिज्यिक सेक्टर-सी में तीन मंज़िला एक अन्य भवन।
- देवगुराडीया में व्यावसायिक उपयोग का भूखंड।
- नायता मूण्डला इंदौर में ज़मीन।
- दाहोद (गुजरात ) में पत्नी के नाम भूखंड।
- पुत्र के प्रोपराइटरशिप में स्वयं के नाम से बनायी कंपनी एम.एस. कंस्ट्रक्शंस (मोहन सिंह कंस्ट्रक्शंस) के नाम से एक रेडी मिक्स क्रेशर प्लांट पीथमपुर में।
(चल संपत्ति)
- स्वयं के नाम की उपरोक्त कंपनी के टाटा बल्कर(22-व्हीलर) डंपर ट्रक : कुल 3 ट्रक।
- स्वयं के नाम की उपरोक्त कंपनी के ट्रांजिट-मिक्सर (10-व्हीलर) ट्रक : कुल 4 ट्रक (2 टाटा कंपनी,1 आइशर,1 महिंद्रा)।
- एक महिंद्रा थार एसयूवी।
- एक मारुति ब्रेज़ा कार,।
- सर्च में उपरोक्त के अलावा घर पर नगद राशि क़रीब साढ़े तीन लाख व इतनी ही राशि के आभूषण , 5 बैंको में खाते की जानकारी तथा एक बैंक लॉकर।
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