कोविड से लड़ाई में जीवन-आजीविका दोनों की सुरक्षा जरूरी: राज्यपाल

राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल ने कहा है कि कोविड-19 की लड़ाई में जीवन और आजीविका दोनों की सुरक्षा पर ध्यान देना जरुरी है। उन्होंने युवाओं का आव्हान किया है कि अपने सपनो को पूरा करने के प्रयासों में वे निरंतर जुटे रहें। सफलता निश्चित है। हमारे इतिहास में ऐसे अनेक उदाहरण मौजूद है जब बड़े संकटो, चुनौतियों के बाद सामाजिक, आर्थिक और राष्ट्रीय पुनर्निमाण का कार्य नई उर्जा के साथ सफलता पूर्वक हुआ है।

श्रीमती पटेल आज लखनऊ राजभवन से ऑनलाइन महर्षि पाणिनी संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के योगेश्वर श्रीकृष्ण योग भवन एवं आचार्य सांदीपनि शिक्षा भवन के शिलान्यास कार्यक्रम को सम्बोधित कर रही थीं। राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल ने आव्हान किया है कि एक भारत सर्वश्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए हर क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ना होगा। यह तय करना होगा कि साधारण से काम नहीं चलेगा। सर्व श्रेष्ठ उत्पादन, सर्वश्रेष्ठ श्रम और सर्वश्रेष्ठ शासन को लक्ष्य बनायें। उन्होंने कहा कि देश और युवाओं का भविष्य उज्ज्वल है। ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ से, गुणवत्ता युक्त नई शिक्षा व्यवस्था विकसित होगी जो भविष्य में आने वाली चुनौतियों को अवसर में बदलकर नए भारत का मार्ग प्रशस्त करेगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति एक दूरदर्शी और दूरगामी नीति है। सफल क्रियान्वयन के लिए शिक्षा में समावेशन, नवाचार और संस्थान संस्कृति की मजबूती के प्रयास जरुरी है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय नवीन शिक्षा नीति के अनुसार संस्कृत भाषा तथा साहित्य के विस्तार की आधुनिक सन्दर्भो में व्यापक कार्ययोजना तैयार करें। छात्रों में आत्मनिर्भरता का गुण विकसित करने के लिए सभी पाठ्यक्रमों के सैद्धान्तिक अध्ययन-अध्यापन के साथ-साथ उसके प्रायोगिक अध्ययन पर भी बल दिया जाये। संस्कृत शिक्षा के प्रमुख उद्देश्यों में से एक सुयोग्य नागरिक का निर्माण है। श्रेष्ठ शिक्षक निर्माण के लिए विश्वविद्यालय में मूल्यपरक शिक्षा का समावेश कर, शिक्षक-प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए।

राज्यपाल ने कहा कि प्रत्येक नागरिक आत्मनिर्भर भारत की प्रतिज्ञा करें। यह तय करें कि आयात को कम से कम करने की दिशा में योगदान करेगें। लघु उद्योगों को सशक्त बनाने लोकल के लिए वोकल बनेगें। अधिक से अधिक नवाचार करेंगे। युवाओं, महिलाओं आदिवासियों दलितों, दिव्यांगों गरीब और पिछड़े व्यक्तियों और क्षेत्रों सभी को सशक्त बनाने के लिए मन, वचन और कर्म से कार्य करने के प्रण के साथ प्रयास करेंगे। उन्होंने लॉकडाउन काल की विषम परिस्थिति को अवसर के रूप में बदलने में विश्वविद्यालय के सकारात्मक प्रयासों की सराहना की।

उच्च शिक्षामंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय को विश्वस्तरीय बनाने के प्रयास किए जाने चाहिए। विश्वविद्यालय की आवश्यकताओं को प्राथमिकता के क्रम में चिन्हित कर प्रस्तुत किया जाए। नैक और यू.जी.सी. की मान्यता के लिए आवश्यकताओं को शीघ्र पूरा कराने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोविड-19 संक्रमण से बचाव के प्रयासों में योग की महत्ता को और अधिक मजबूती मिली है। इस अवसर पर योग भवन निर्माण का प्रयास समयोचित पहल है। विश्वविद्यालय प्रबंधन को हार्दिक बधाई।

कुलपति डॉ.पकंज जानी ने बताया कि विश्वविद्यालय के वित्तीय स्त्रोतों से भवन का निर्माण किया जा रहा है। भवन निर्माण का कार्य मंडी बोर्ड द्वारा किया जा रहा है। भवन निर्माण की लागत 60 लाख रूपए अनुमानित है। इस अवसर पर उन्होंने विधि विधान से भूमिपूजन कार्य को सम्पन्न किया।

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