कोरोना के खिलाफ लड़ाई में योगदान दें बुद्धिजीवी, जनप्रतिनिधिः विष्णुदत्त शर्मा

कोरोना वायरस के प्रसार पर नियंत्रण और इसके खात्मे के लिए केंद्र और राज्य सरकारें हरसंभव प्रयास कर रही हैं, लेकिन यह लड़ाई सिर्फ सरकारों की लड़ाई नहीं है। इस लड़ाई में जीत हासिल करने के लिए जरूरी है कि हमारे बुद्धिजीवी, राजनीतिक दलों के जनप्रतिनिधि और समाज का प्रत्येक व्यक्ति आगे आए और अपना योगदान दे। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने कोविड-19 को परास्त करने के लिए पूरे समाज से जुट जाने का आह्वान करते हुए कही।

शर्मा ने कहा कि कोरोना वायरस के प्रसार पर नियंत्रण और इसे बेअसर करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों की एजेंसियां और विभाग जुटे हुए हैं। एक तरफ वैज्ञानिक, डॉक्टर, चिकित्साकर्मी, इस वायरस से लोगों की जान बचाने के लिए लगे हुए हैं, तो वहीं दूसरी तरफ पुलिस कर्मचारी, प्रशासन के लोग और सफाईकर्मी इस वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए रात दिन मेहनत कर रहे हैं। पीड़ितों के आंसू पोंछने के काम में भी भारतीय जनता पार्टी समेत कई संगठनों के लोग लगे हुए हैं, जो जरूरतमंद परिवारों को राशन और भोजन बांटकर उनकी मुश्किलें कम कर रहे हैं। लेकिन यह समय इस बात की इजाजत नहीं देता कि कुछ लोगों को आगे करके समाज के बाकी लोग निष्क्रिय बने रहें। उन्होंने कहा कि महामारी से लड़ रहे कोरोना वारियर्स की सफलता-असफलता का विश्लेषण करने वालों को भी अपने रवैये पर आत्मचिंतन करना चाहिए। श्री शर्मा ने कहा कि समय की मांग है कि देश का प्रत्येक नागरिक, समाज का प्रत्येक व्यक्ति कोरोना वायरस के खिलाफ चल रहे इस महायज्ञ में अपनी क्षमता के अनुसार आहुतियां दे।
हर कोई दे सकता है योगदान
श्री शर्मा ने कहा कि इस लड़ाई में योगदान देने के लिए किसी विशेष योग्यता की जरूरत नहीं है, हर कोई अपनी क्षमता के हिसाब से इसमें सहयोग कर सकता है। उदाहरण के लिये लेखक, पत्रकार और पढ़ने-लिखने में दिलचस्पी रखने वाले लोग समाज तक इस वायरस के बारे में सही जानकारी पहुंचाकर जागरूक करने का काम कर सकते हैं, तो सोशल मीडिया पर सक्रिय युवा लोगों के भ्रम का निवारण कर सकते हैं और जरूरतमंद लोगों तक पहुंचकर उनकी जानकारी जुटा सकते हैं। नेता, जनप्रतिनिधि और अन्य लोग बाहरी तथा संदिग्ध लोगों की जानकारी दे सकते हैं, तो सरकारी विभागों और एजेंसियों को भी यह बता सकते हैं कि लॉकडाउन में कहां ज्यादा सख्ती की जरूरत है, किस के घर में अनाज नहीं है या किस क्षेत्र के नागरिकों को मदद की जरूरत है। समाज में जिन लोगों का सम्मान है और जिनकी बात सुनी जाती है वे लोगों को लॉकडाउन को सफल बनाने, पीएम केअर फंड में योगदान देने आदि के लिए प्रेरित कर सकते हैं। श्री शर्मा ने कहा कि देश ने अब तक कई चुनौतियों का सामना किया है और अगर हम सब लोग राजनीति, सामाजिक, धार्मिक भेदभाव भुलाकर एक साथ मैदान में उतर जाएं, तो इस चुनौती का सामना भी बड़ी आसानी से कर सकते हैं।

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