कोयला मंत्रालय पूरी तरह डिजिटल हुआ, पारदर्शिता बढ़ाने और कारोबारी सहजता के लिए अनेक आईटी पहल

कोयला मंत्रालय द्वारा पिछले वर्ष की प्रगति को और आगे बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए गए हैं। 2015 में हुई कोयला खदानों की नीलामी के अनुरूप अब तक आवंटित 83 कोयला खदानों की नीलामी/आवंटन से खदान की जीवन अवधि/पट्टे की अवधि में 3.95 लाख करोड़ रूपये से अधिक की प्राप्‍ति होने का अनुमान है। अक्‍टूबर, 2016 तक इन कोयला खदानों की वास्‍तविक राजस्‍व उगाही 2,779 करोड़ रूपये (रॉयल्‍टी, चुंगी तथा करों को छोड़कर) रही। 9 कोयला ब्‍लॉकों की विद्युत क्षेत्र को की गई नीलामी से उपभोक्‍ताओं को बिजली शुल्‍क में कमी के संदर्भ में लगभग 69,310.97 करोड़ रूपये के लाभ की संभावना है।

 देश में अप्रैल-नवंबर, 2016-17 के दौरान कच्‍चे कोयले का उत्‍पादन 391.10 मिलियन टन हुआ। पिछले वर्ष की इसी अवधि में कच्‍चे कोयले का उत्‍पादन 385.11 मिलियन टन हुआ था। अप्रैल-नवंबर ,2016 के दौरान कोयला उत्‍पादन में 1.6 प्रतिशत की समग्र वृद्धि दर्ज की गई। 30.11. 2016 को एनएलसीआईएल की लिग्‍नाइट खनन क्षमता 30.6 मिलियन टन वार्षिक रही। कंपनी ने अपनी विद्युत उत्‍पादन क्षमता 4275.50 मेगावाट (मार्च ,2016 में) से बढ़ाकर 4293.50 मेगावाट कर ली। इसमें 10 मेगावाट सौर विद्युत और 43.50 मेगावाट पवन विद्युत शामिल है।

कोयला मंत्रालय ने देश में कोयला आयात में कमी लाने पर विशेष बल दिया है। सरकार ने 2015-16 में 20,000 करोड़ रूपये और चालू वर्ष के पहले 4 वर्षों में 4,844 करोड़ रूपये की बचत की है। इस मोर्चे पर  किए जा रहे प्रयासों से  मार्च 2017 तक आयातित कोयले की 15.37 एमटी मात्रा कम हो जाएगी।

प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के अनुरूप कोयला मंत्रालय ने अक्‍टूबर 2016 में ई-ऑफिस एप्‍लीकेशन को पूरी तरह लागू किया और अब मंत्रालय का फाइल कार्य इलेक्‍ट्रॉनिक तरीके से हो रहा है। डिजिटीकरण प्रक्रिया से मंत्रालय के कामकाज में पारदर्शिता और दक्षता आई है और इससे फाइलों की गति में तेजी आएगी और तेजी से निर्णय लिए जा सकेंगे। इससे फाइलों/रिकॉर्डों की तेजी से वापसी हो सकेगी और फाइलों और रिकॉर्डों के गुम या लापता होने की गुंजाइश कम रहेगी।

  वर्ष के दौरान अनेक आईटी कार्यक्रम शुरू किए गए। इनमें प्रत्‍यक्ष लाभांतरण के माध्‍यम से सीएमपीएफओ में ई-सेवा लागू करना, सीएमपीएफ में कंप्‍यूट्रीकरण-ई-सेवाएं (आंतरिक विकास), आधार संख्‍या को सीएमपीएफ खाता संख्‍या मानना, सीएमपीएफ योजना के अंतर्गत ठेके के श्रमिकों को कवर करना, शिकायत निवारण प्रणाली का नवीकरण तथा बाधारहित पेंशन के लिए स्‍व-प्रमाणित जीवन प्रमाण-पत्र शामिल हैं।

कोल इंडिया लिमिटेड  (सीआईएल) के छोटे एवं मझौले क्षेत्र के उपभोक्‍ताओं के लिए कोयला आवंटन निगरानी प्रणाली (सीएएमएस) तथा घरेलू कोयले के उपयोग में लचीलापन  लाने के लिए कोल मित्र वेब पोर्टल जैसे अनेक नए पोर्टल लांच किए गए ताकि छोटे तथा मझौले क्षेत्र के लिए कोयला वितरण में पारदर्शिता लाई जा सके और कारोबार सहज बनाया जा सके।

कोयला मंत्रालय के प्रमुख कार्यक्रम और उपलब्‍धियों का विवरण इस प्रकार हैं:

कोयला खदान (विशेष प्रावधान) अधिनियम 2015 के अंतर्गत कोयला खदानों का आवंटन

माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय द्वारा रद्द/आवंटन निरस्‍त 204 कोयला ब्‍लॉकों के प्रबंधन और पुन:आवंटन के लिए सरकार ने कोयला खदान (विशेष प्रावधान) अधिनियम 2015 लागू किया ताकि नीलामी या सरकारी कंपनी को आवंटन के माध्‍यम से नए आवंटियों को खदानों/ब्‍लॉकों में जमीन तथा अन्‍य संबद्ध खनन अवसंरचना के साथ अधिकार, स्‍वामित्‍व और अभिरूचि का हस्‍तांतरण सरलता से हो सके। कोयला खदान (विशेष प्रावधान) अधिनियम 2015 की अनुसूची IV ने कोयला खदान (राष्‍ट्रीयकरण) अधिनियम 1973 तथा खदानों और खनिज (विकास और नियमन) 1957 में संशोधन किया ताकि कुछ विशेष कोयला ब्‍लॉकों के मामलों को छोड़कर कोयला खनन की पात्रता की बाधा दूर की जा सके।

कोयला खदान (विशेष प्रावधान) अधिनियम 2015 के अंतर्गत सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्‍ठानों को कोयला बिक्री के लिए कोयला/ब्‍लॉकों के आवंटन के लिए अग्रिम भुगतान या सुरक्षित मूल्‍य के निर्धारण के तरीकों को सरकार द्वारा मंजूरी दी गई है।

वाणिज्‍यिक खनन की दिशा में पहले कदम के रूप में राज्‍य के सार्वजनिक प्रतिष्‍ठानों द्वारा कोयले की बिक्री/वाणिज्‍यिक खनन की आवंटन के लिए 16 कोयला खदानों की पेशकश की गई। इन 16 कोयला खदानों में से 8 कोयला संपदा को कोयला खदान वाले मूल राज्‍य के लिए निर्धारित किया गया जबकि शेष कोयला खदानों को गैर-अतिथि राज्‍यों की सार्वजनिक प्रतिष्‍ठानों के लिए रखा गया। बाद में 5 कोयला खदानों का कोयला वाले राज्‍यों के सार्वजनिक प्रतिष्‍ठानों को आवंटित किया गया तथा 2 कोयला खदान गैर-अतिथि राज्‍यों के सार्वजनिक प्रतिष्‍ठानों को कोयले की बिक्री के लिए आवंटित किया गया। उपरोक्‍त 7 कोयला खदानों के मामले में आवंटियों के साथ आवंटन समझौता पूरा किया गया है।

जनवरी, 2016 से नवंबर, 2016 की अवधि के दौरान कोयला खदान (विशेष प्रावधान) अधिनियम 2015 के अंतर्गत विद्युत क्षेत्र के लिए 3 तथा गैर-नियमन क्षेत्र के लिए 2 यानी 5 कोयला खदानों के मामले में आवंटन समझौते पर हस्‍ताक्षर किए गए। एक कोयला खदान यानी अमेलिया कोयला खदान का आवंटन बिजली के अंतिम उपयोग के लिए किया गया है और इसके आवंटन समझौते पर हस्‍ताक्षर होना बाकी है।

अब तक आवंटित 83 कोयला खदानों की नीलामी और आवंटन से खदान जीवन अवधि/पट्टे की अवधि में 3.95 लाख करोड़ रूपये से अधिक की प्राप्‍ति होगी और यह राशि पूरी तरह कोयला संपदा संपन्‍न राज्‍यों को मिलेगी। अक्‍टूबर, 2016 तक इन कोयला खदानों से 2,779 करोड़ रूपये (रॉयल्‍टी,चुंगी शेष तथा करों को छोड़कर) 2,779 करोड़ रूपये की वास्‍तविक राजस्‍व की प्राप्‍ति हुई। विद्युत क्षेत्र को 9 कोयला ब्‍लॉकों की नीलामी से विद्युत शुल्‍क में कमी आई और इस कमी से उपभोक्‍ताओं को 69,310.97 करोड़ रूपये की लाभ की संभावना है।

खदान और खनिज (विकास तथा नियमन) अधिनियम, 1957 के अंतर्गत कोयला/लिग्‍नाइट ब्‍लॉकों का आवंटन

कोयला ब्‍लॉकों के आवंटन की प्रक्रिया को पारदर्शी और वस्‍तुनिष्‍ठ बनाने के लिए खदान और खनिज (विकास और नियमन) अधिनियम 1957 को 2010 में संशोधित किया गया। इस संशोधन के माध्‍यम से कोयला ब्‍लॉकों के आवंटन के लिए ‘नीलामी’ के तौर-तरीकों का प्रावधान प्रमुख कानून में करने के लिए सेक्‍शन 11ए तथा सेक्‍शन 13 (2) (डी) जोड़े गए।

सरकारी कंपनियों को कोयला ब्‍लॉक आवंटित करने के लिए सरकार ने कोयला खदानों की स्‍पर्धी बोली नियम 2012 को अधिसूचित किया।

कोयला खदान स्‍पर्धी बोली नियम 2012 द्वारा नीलामी के प्रावधानों के अंतर्गत 5 कोयला ब्‍लॉक विद्युत के अंतिम उपयोग के लिए सरकारी कंपनियों/निगमों को आवंटित किए गए और जनवरी 2016- नंवबर, 2016 की अवधि के दौरान वाणिज्‍यिक खनन के लिए दो कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए। विद्युत के अंतिम उपयोग के लिए 4 कोयला ब्‍लॉकों के मामले में केंद्र सरकार ने आवंटी कंपनी के साथ कोल ब्‍लॉक विकास तथा उत्‍पादन समझौते पर हस्‍ताक्षर किया है।

इसी अवधि के दौरान तीन लिग्‍नाइट ब्‍लॉक गुजरात की कंपनियों को आवंटित किए गए। इनमें से एक लिग्‍नाइट ब्‍लॉक विद्युत के अंतिम उपयोग के लिए आवंटित किया गया है और आवंटी कंपनी के साथ केंद्र सरकार ने लिग्‍नाइट ब्‍लॉक विकास तथा उत्‍पादन समझौते पर हस्‍ताक्षर किया है। शेष दो लिग्‍नाइट ब्‍लॉक वाणिज्‍यिक खनन के लिए आवंटित किए गए।

कोयला खदानों की स्‍पर्धी बोली नियम 2012 द्वारा नीलामी के नियम 4 के अंतर्गत 7 कोयला ब्‍लॉकों को सरकारी कंपनियों/6 राज्‍यों के निगमों को आवंटित करने के मामले में आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। इस संबंध में नोटिस जारी किया गया।

कोयला उत्‍पादन 

देश में 2016-17 के अप्रैल-नवंबर के दौरान 391.10 मिलियन टन कच्‍चे कोयले का उत्‍पादन हुआ पिछले वर्ष की इसी अवधि में 385.11 मिलियन टन कच्‍चा कोयले का उत्‍पादन हुआ था। अप्रैल-नवंबर, 2016 के दौरान कोयले के उत्‍पादन में 1.6 प्रतिशत की समग्र वृद्धि हुई।

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