मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर भाजपा सत्ता में होने के बाद भी चुनाव प्रबंधन में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है और केंद्रीय नेतृत्व द्वारा दो बाहरी केंद्रीय मंत्रियों को चुनाव मैनेजमेंट सौंपने के बाद एक स्थानीय तटस्थ नेता उनके साथ जोड़ने का फैसला ले लिया है। इस टीम में तटस्थ नेता केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर शामिल किए गए हैं। तोमर के चुनाव मैनेजमेंट टीम का हिस्सा बनने से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ताकत बढ़ने के संकेत हैं। पढ़िये रिपोर्ट।
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं और भाजपा लगातार पांचवीं बार राज्य में सरकार बनाने के लिए संगठन और सरकार के स्तर पर हर संभव प्रयास कर रही है। सरकार में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हर वर्ग को योजनाओं के माध्यम व घोषणाओं द्वारा साधने में लगे हैं तो संगठन स्तर पर जिम्मेदारी काफी हद तक कमान केंद्रीय नेतृत्व ने संभाल ली है। केंद्रीय नेतृत्व ने चुनाव मैनेजमेंट के लिए पहले दो केंद्रीय मंत्रियों भूपेंद्र यादव व अश्विनी वैष्णव को भेजा गया था तो अब तीसरे केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर को उनके साथ जोड़ा गया है।
तोमर की तटस्थ नेता के रूप में पहचान
नरेंद्र सिंह तोमर मध्य प्रदेश भाजपा में अभी तक तटस्थ नेता के रूप में पहचाने जाते हैं। उनसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की दोस्ती पुरानी जरूर है लेकिन वे उतने ही नजदीक राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के हैं तो केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के भी उनसे उतने ही घनिष्ठ संबंध हैं। चौहान और तोमर की जोड़ी बहुत पुरानी 80 के दशक की है और वे तमाम संगठनों में साथ-साथ रहे। चौहान और तोमर सीएम-प्रदेश अध्यक्ष के रूप में भी साथ-साथ काम कर चुके हैं। चुनाव मैनेजमेंट के लिए भेजे गए भूपेंद्र यादव और अश्विनी वैष्णव के साथ केंद्रीय मंत्रिमंडल में काम करने से उनका तालमेल भी अच्छा है। तोमर के चुनाव प्रबंधन के लिए केंद्रीय नेतृत्व द्वारा मध्य प्रदेश भेजे जाने से स्थानीय राजनीतिक समीकरणों को समझने में अब भूपेंद्र-अश्विनी को ज्यादा परेशानी नहीं होगी।
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