श्योपुर जिले के पालपुर कूनो राष्ट्रीय उद्यान से एक अच्छी खबर आई है कि नामीबियाई चीतों की पहचान बदलने लगी है और अब हमारे भारतीय चीतों का जन्म शुरू हो गया है। आज कूनो में चार चीतों के शावकों का जन्म हुआ। शावकों का जन्म करीब पांच दिन पहले होने की संभावना जताई गई है। यह खबर हवा की तरह तेजी से फैली है और सोशल मीडिया पर इसके वीडियो व तस्वीरें वायरल हो गई हैं।
17 सितंबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के श्योपुर स्थित पालपुर कूनो राष्ट्रीय उद्यान में दक्षिण अफ्रीकी देश नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को छोड़ा था। 1952 में भारत में विलुप्त घोषित किए इस वन्यप्राणी को आबाद करने के लिए पालपुर कूनो नेशनल पार्क को चूना गया था। नामीबिया से लाई गई सियाया नाम की मादा चीता ने आज चार शावकों को जन्म दिया तो सबसे पहले केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने इसे ट्वीट कर जानकारी दी और खुशी जताई।
क्वारेंटाइन बाड़े से तीन महीने पहले छोड़ा था सियाया को
नामीबियाई मादा चीता सियाया को 28 नवंबर को क्वारेंटाइन बाड़े से छोड़ा गया था। यह बाड़ा नंबर पांच में थी। इसके पहले बाड़ा नंबर चार में पांच नवंबर को नर चीतों एल्टन व फ्रेडी को छोड़ा गया था। इन लोगों की गतिविधियों के सकारात्कम रुख को देखकर 22 दिसंबर 2022 को चार और पांच नंबर बाड़े के बीच के गेट को खोल दिया गया था। पिछले एक सप्ताह से सियाया की गतिविधियां एक जगह केंद्रित देखी गईं तो यह अहसास हुआ वह शावकों को जन्म देने वाली है। जब वह शिकार के लिए निकली तो 29 मार्च को नामीबियाई चीता विशेषज्ञ एलई वॉकर ने सुरक्षित दूरी से देखा तो चार शावक दिखाई दिए। उनका कहना है कि इन शावकों का जन्म करीब पांच दिन पहले हुआ है। 27 मार्च को नामीबिया मादा चीता साशा की मौत की खबर के बाद चार शावकों के जन्म की अच्छी खबर है। कूनो राष्ट्रीय उद्यान में इन चार मेहमानों के साथ चीते की संख्या 23 हो गई .
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