-
दुनिया
-
Bhopal की Bank अधिकारी की यूरोप में ऊंची चढ़ाई, माउंट Elbrus पर फहराया तिरंगा
-
भोपाल के दो ज्वेलर्स ने बैंकों को गोल्ड लोन में लगाया 26 करोड़ का चूना, यूको बैंक की चार शाखा को ठगा
-
UNO के आह्वान पर JAYS ने मनाया विश्व आदिवासी दिवस, जल, जंगल और जमीन के प्रति जागरूक हुए आदिवासी
-
बागेश्वर सरकार की ज़िंदगी पर शोध करने पहुची न्यूजीलैंड के विश्वविद्यालय की टीम
-
Rahul Gandhi ने सीजफायर को BJP-RSS की सरेंडर की परंपरा बताया, कहा Modi करते हैं Trump की जी हुजूरी
-
कूनो उद्यान में 9 चीतों की मौत से राष्ट्र की छवि हुई है धूमिल: रिटायर्ड आईएफएस तिवारी

वन एवं पर्यावरण कांग्रेस के अध्यक्ष एवं सेवानिवृत्त आईएफएस अधिकारी डॉ एसपीएस तिवारी ने कहा है कि 4 महीने में 9 चीता की मौत और 21 दिन से फीमेल चीता निरवा के लापता होने से मध्यप्रदेश की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धूमिल हुई है. विदेशों में यह छवि बनने लगी है कि भारत सरकार और मध्यप्रदेश अफसरों के बीच छिड़ी अहम की जंग की वजह से चीता को संरक्षित करने में हम असफल साबित हो रहे हैं.
डॉ तिवारी सोमवार को प्रदेश कांग्रेस दफ्तर में पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे. उन्होंने बताया कि श्योपुर जिले में कूनो राष्ट्रीय उद्यान गुजरात के गिर से एशियन लायन लाने के लिए 100 करोड़ रूपये खर्च करके तैयार किया गया था. सर्वोच्च न्यायालय ने भी वर्ष 2013 में कूनो में गिरी से एशियन लायन लाकर कुनो में बसाने के निर्देश दिए थे, परन्तु गुजरात की भाजपा सरकार ने राज हठ के चलते लायन कूनो के लिए नहीं दिए. आनन-फानन में पिछले वर्ष 17 सितम्बर 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर नामीबिया एवं दक्षिण अफ्रीका से 20 चीता जो कैप्टिव ब्रीडिंग के थे, लाकर कूनो में छोड़े गए. चूंकि भारत में पिछले 07 दशक से चीते नहीं हैं एवं विशेषज्ञ भी नहीं है साथ ही कूनो का आवोहवा भी चीता के लिए अनुकूल नहीं है. इसके फलस्वरूप 9 चीते मर चुके हैं और एक फीमेल चीता 21 दिन गायब है. उन्होंने बताया कि चीता प्रोजेक्ट में विकल्प के तौर पर राजस्थान के मुकुन्द्रा में चीतों के लिए जंगल तैयार किया गया है परन्तु चूंकि वहां कांग्रेस शासन है, इसलिए केन्द्र सरकार जानबूझकर हठ में चीते वहां न भेजकर कूनो में भेजे। इस तरह कूनो चीतो का कब्रगाह बन चुका है एवं अंतर-राष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को गहरा आघात लगा है.
तेंदूपत्ता मजदूरों की मजदूरी 4000 पति मानक बोरा किया जाए
पत्रकारों से चर्चा करते हुए वन एवं पर्यावरण कांग्रेस के अध्यक्ष तिवारी ने बताया कि प्रदेश में लगभग 20 लाख तेन्दुपत्ता संग्राहक हैं एवं प्रतिवर्ष लगभग औसतन 20 लाख मानक बोरा तेन्दुपत्ता संग्रहण होता है एवं औसतन लगभग 1,200 करोड़ रूपये का तेन्दुपत्ता का व्यापार वन विभाग करता है. तेन्दुपत्ता संग्राहकों की संग्रहण मजदूरी दर 3,000/- प्रति मानक बोरा है, जबकि छत्तीसगढ़ में 4,000/- प्रतिमाह बोरा है. कांग्रेस पार्टी मजदूरी दर बढ़ाने हेतु वर्तमान सरकार को कई पत्र लिख चुकी है परन्तु वर्तमान सरकार के द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया गया है. पिछले वर्ष तेन्दुपत्ता का संग्रहण लगभग 18 लाख मानक बोरा हुआ था, परन्तु इस साल खराब मौसम के कारण मात्र 12 लाख मानक बोरा का ही तेन्दुपत्ता संग्रहण हो पाया है. इस तरह लगभग 180 करोड़ रूपये तेन्दुपत्ता संग्राहकों को कम मजदूरी मिली है. वो आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. परन्तु वर्तमान सरकार 240 करोड़ रूपये संग्राहकों के खाते में न जमा कर इस राशि से जूते, चप्पल, साड़ी तथा पानी की बोतल आयोजन करके बांट रही है. करोड़ों रूपये आयोजन करने में व्यय हो जायेगा. इस तरह संग्राहकों का पैसा उन्हीं से काटकर सरकार अपनी ब्रांडिंग के लिए अपव्यय कर रही है.
शिवराज के रहते रातापानी नहीं बन पाएगा टाइगर रिजर्व
भोपाल सर्किल के मुख्य वन संरक्षक रह चुके डॉ तिवारी ने बताया कि भोपाल से सटे रातापानी अभ्यारण्य में 70 से अधिक बाघ पाये गये हैं. रातापानी अभ्यारण्य प्रोजेक्ट टाईगर के लिए अनुकूल है. भाजपा शासन में कई बार स्टेट वाइल्ड लाईफ बोर्ड में इस पर विचार भी हुआ, परंतु मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान जो कि बोर्ड के अध्यक्ष है, इसे सिरे से नकार दिया करते हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के रहते हुए रातापानी को टाइगर रिजर्व नहीं बनाया जा सकता है. जबकि 18 महीने की कमलनाथ सरकार में रातापानी अभ्यारण्य को टाइगर रिजर्व बनाने की सारी कागजी कार्रवाई पूरी कर ली थी. महज केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजकर नोटिफिकेशन की प्रक्रिया जारी करना रह गया था. उन्होंने बताया कि प्रदेश में 827 वन ग्राम हैं. पिछले वर्ष 22 अप्रैल 2022 को आदरणीय अमित शाह, केन्द्रीय गृह मंत्री भारत सरकार, भोपाल में आकर घोषणा की थी कि वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तित किया जायेगा परन्तु आज तक वन ग्राम नहीं बना पाए. फलस्वरूप इन गांव के लोग शासन से मिलने वाली सुविधाओं से वंचित हैं.
Posted in: bhopal news, Uncategorized, दुनिया, देश, मध्य प्रदेश, मेरा मध्य प्रदेश
Tags: bhopal breaking news, bhopal hindi news, bhopal khabar samachar, bhopal latest news, bhopal madhya pradesh, bhopal madhya pradesh india, bhopal madhyya pradesh india, bhopal mp india, bhopal news, Bhopal news headlines, bhopal news hindi, bhopal news in hindi, bhopal news online, bhopal viral news, breaking news, hindi breaking news, MP Breaking news, MP News MP Breaking news bhopal news latest news in hindi bhopal bhopal today Bhopal News In Hindi Bhopal news headlines Bhopal Breaking News MP Political news, MP NewsMP Breaking news
Leave a Reply