किसान से किए गए चुनावी वादों पर आज भी आमने-सामने शिवराज-कमलनाथ, अनुदान पर सवाल

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के मद्देनजर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ अपनी-अपनी पार्टियों के 2018 के वादों पर एक-दूसरे से सवाल कर रहे हैं। आज फिर इन नेताओं के बीच किसान मुद्दा है जिसमें किसान को विभिन्न योजनाओं के अनुदान पर शिवराज सरकार-कमलनाथ सरकार को सवालों में घेरा गया है। आईए जानें किसने किस अनुदान को किसानों को नहीं देने के लगाए आरोप।

कांग्रेस ने 2018 में कई झूठे वादे कर लिए। जितने समझ में आए सब वचन पत्र में लिख दिए। जिन वादों को करके सत्ता में आए उनमें से कोई पूरा नहीं किया। यही सच जनता के सामने उजागर करने के लिए वे कमलनाथ से सवाल कर रहे हैं। मगर वे एक भी सवाल का जवाब नहीं दे रहे हैं। वे इधर-उधर की बातें करते हैं। 2018 के वचन पत्र में दो लाख की लागत के आधुनिक कृषि यंत्र पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा लेकिन सरकार में आने के बाद इसमें से एक भी धेला नहीं दिया है। अनुदान देना तो दूर की बात है, कई योजनाओं का अनुदान बंद कर दिया।
कमलनाथ ने किसान की सब्सिडी का वादा याद दिलाई
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भारतीय जनता पार्टी के घोषणा पत्र में वह घोषणा की याद दिलाई है जिसमें “सभी किसानों को जीरो टिल सीड ड्रिल और हैपी टर्बो सीडर्स पर 90 प्रतिशत सब्सिडी देने का वादा किया गया था ताकि कटाई में विलंब के कारण दूसरी फसल पर असर नहीं पड़े।” कमलनाथ ने कहा कि सीएम यह बता दें कि प्रदेश के किसी एक भी किसान को 90 प्रतिशत सब्सिडी मिली हो। कमलनाथ ने एकबार फिर मुख्यमंत्री चौहान को पद की गरिमा की याद दिलाई और उसे गंभीरता से समझने की सलाह दी। उन्होंने आरोप लगाया कि सीएम रोज अपना मजाक उड़वाने के लिए ऊटपटांग बातें करने लगते हैं।

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