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कांग्रेस में CM चेहरा कंट्रोवर्सीः कमलनाथ की अरुण यादव से नाराजगी की यह भी वजह

मध्य प्रदेश में कांग्रेस में मुख्यमंत्री चेहरा को लेकर कुछ नेताओं की बयानबाजी से शुरू हुई कंट्रोवर्सी में फंसे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव से कमलनाथ की नाराजगी की और भी कुछ वजह हैं। कमलनाथ के प्रदेश अध्यक्ष कार्यकाल में कुछ जिम्मेदारियों से यादव ने बचने की कोशिश की है। यह फैसले हाईकमान की जानकारी में भी रहे है। इसी पर आधारित है आज की यह रिपोर्ट।
2023 की शुरुआत से कांग्रेस में मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर जो कंट्रोवर्सी शुरू हुई है उसमें पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव के आए बयान ने घी डालने का काम किया। यादव ने एक साक्षात्कार में विधायक दल की बैठक में नेता चुने जाने की परंपरा के बारे में बयान दिया तो मीडिया में वे सुर्खियों में आ गए। इसके बाद संगठन को जोड़ने और मजबूत करने में लगे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने बड़प्पन दिखाते हुए यह कहा कि वे किसी पद की दौड़ में नहीं है। कोई अगर नारे लगाता है तो वे उन्हें रोक भी नहीं सकते। मगर कमलनाथ यादव के बयान से एकबार फिर खफा दिखाई दिए क्योंकि वे इसके पहले ही कमलनाथ के फैसलों को ठुकरा चुके हैं।
इन फैसलों को यादव ने नहीं माना
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने संगठन के कुछ महत्वपूर्ण फैसलों को नहीं माना जिनमें सबसे प्रमुख खंडवा लोकसभा उपचुनाव के प्रत्याशी चयन का था। यादव को पार्टी उपचुनाव में प्रत्याशी बनाना चाहती थी लेकिन ऐनवक्त पर उन्होंने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। कांग्रेस यह उपचुनाव हार गई थी। इसी तरह यादव को भारत जोड़ो यात्रा में बुरहानपुर का प्रभारी बनाया गया था लेकिन यात्रा के आने के कुछ दिन पहले जब व्यवस्थाओं की समीक्षा में कमलनाथ को कमियां नजर आईं तो मजबूरी में उन्होंने निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा को प्रभारी बना दिया था। अब कमलनाथ के भावी मुख्यमंत्री के पोस्टर-होर्डिंग पर यादव के बयान को अप्रत्यक्ष रूप से गलत बताने का मामला सामने है।
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