मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए वरिष्ठ नेता दौरे कर रहे हैं लेकिन बुंदेलखंड में अभी कुछ जिलों में संगठन व नेता-कार्यकर्ताओं के बीच पटरी नहीं बैठ पा रही है। हाल ही में एक जिले में ऐसे हालात बने कि जिला अध्यक्ष व जिले सह प्रभारी के खिलाफ ब्लॉक अध्यक्ष-कार्यकर्ताओं ने मोर्चा खोल लिया और तख्तियां लेकर नारेबाजी कर दी। एआईसीसी के एक सह प्रभारी को जांच के लिए भेजा गया मगर वे भी संगठन के नेताओं व कार्यकर्ताओं में समन्वय स्थापित नहीं कर पाए। जानिये कहां बन रहे यह हालात।
मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड में सागर जिले में कांग्रेस अपनी ताकत झोंक रही है लेकिन यहां के दो जिलों पन्ना और छतरपुर में संगठन और अन्य नेताओं-कार्यकर्ताओं के बीच पटरी नहीं बैठ पा रही है। ताजा मामला पन्ना जिले का है जहां कुछ ब्लॉक अध्यक्षों को बदला गया था और उन ब्लॉक अध्यक्षों को हटाए जाने पर जिले में कांग्रेस कार्यकर्ताओं व नेताओं में ऐसी नाराजगी बैठी कि वे सड़क पर उतर आए।
जिला अध्यक्ष-जिला सह प्रभारी के खिलाफ मोर्चा
पन्ना के नेताओं और कार्यकर्ताओं का आरोप है कि जिला अध्यक्ष शारदा पाठक और जिला सह प्रभारी जबलपुर के सन्मति सेन मनमर्जी से काम कर रहे हैं। पहले नगरीय निकाय चुनाव में टिकट वितरण में मनमानी की गई तो अब ब्लॉक अध्यक्ष बदलने में जिले के नेताओं के साथ बिना समन्वय स्थापित किए अच्छा काम कर रहे ब्लॉक अध्यक्षों को हटा दिया गया। इन आरोपों को लेकर पन्ना जिले के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शारदा पाठक-सन्मति के खिलाफ प्रदर्शन के लिए तख्तियां बनाई और नारेबाजी की।
एआईसीसी सह प्रभारी मित्तल ने जांच की
पन्ना जिला कांग्रेस में असंतोष की स्थिति को देखते हुए एआईसीसी के सचिव व प्रदेश के सह प्रभारी सीपी मित्तल को पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ ने वहां भेजा। उन्होंने काफी कोशिश की लेकिन जब माहौल शांत नहीं हुआ तो वे हाथ से हाथ जोड़ो कार्यक्रम के बहाने अमानगंज में जिला कांग्रेस कमेटी के नेताओं को बुलाया और वहां भी हालात वैसे ही दिखाई दिए। मित्तल का कहना है कि उन्होंने पन्ना जिले में जो देखा था पीसीसी अध्यक्ष को बता दिया है।
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