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कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव से राजस्थान में राजनीतिक उफान, पायलट की लाटरी खुलेगी

कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव को लेकर देशभर में राजनीतिक माहौल गरमाया है लेकिन अध्यक्ष के दावेदारों में शामिल राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की वजह से राजस्थान में सीएम की कुर्सी पर सचिन पायलट की लाटरी चार साल बाद खुलने की संभावना है। पायलट 2018 में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का चेहरा थे लेकिन सीएम की कुर्सी गहलोत के खाते में चली गई थी। अब एकबार फिर सचिन पायलट की किस्मत पलटने की संभावना है क्योंकि गहलोत को कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्य़क्ष बनने के लिए चुनाव मैदान में उतारना है।
देशभर में कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव को लेकर सुर्खियां बनी हुई हैं लेकिन राजस्थान में सबसे ज्यादा राजनीतिक माहौल गरमाया है। कांग्रेस अध्यक्ष के लिए राहुल गांधी ने मना कर दिया है और सोनिया गांधी वैसे ही कार्यकारी अध्यक्ष बनने के लिए बहुत मुश्किल से तैयार हुई हैं। इस परिस्थिति में कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए शशि थरूर ने रुचि दिखाई और अशोक गहलोत ने भी इसके लिए अपनी सहमति दे दी है। अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष बनने पर उन्हें मुख्यमंत्री का पद छोड़ना होगा जिसके लिए राहुल गांधी का भी बयान आ चुका है। ऐसे में उनके स्थान पर राजस्थान के सीएम की कुर्सी को लेकर राजस्थान में कशमकश का दौर चल रहा है।
हाईकमान के पर्यवेक्षक नियुक्त करने से बढ़ी राजनीतिक गर्मी
राजस्थान में आज विधायक दल की बैठक है जिसमें अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद की परिस्थितियों पर चर्चा होगी। इसमें सचिन पायलट को विधायक दल का नेता बनाए जाने को लेकर उनके समर्थक विधायक दावा पेश कर सकते हैं। वहीं, इस मुद्दे पर फैसला हाईकमान को लेने के लिए भी अधिकृत किया जा सकता है।
कांग्रेस अध्यक्ष का नामांकन पत्र नवरात्र में भरेंगे दावेदार
गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के इच्छुक दावेदारों के लिए 24 सितंबर से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है लेकिन पितृपक्ष की वजह से अभी कोई भी नामांकन दाखिल नहीं किया गया है। नवरात्र में दावेदारों के नामांकन दाखिल किए जाने की संभावना है। उस परिस्थिति में अशोक गहलोत को नामांकन पत्र दाखिल करने के पहले सीएम पद से इस्तीफा देना होगा। ऐसे में आज होने वाली विधायक दल की बैठक में अगर हाईकमान पर फैसला छोड़ा जाता है तो नामांकन भरने तक का समय गहलोत के पास मिल जाएगा। इस दौरान वे अपने स्थान पर किस व्यक्ति को सीएम की कुर्सी सौंपी जाए, माहौल को देखकर हाईकमान तक अपनी सिफारिश पेश कर सकते हैं।
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