मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जहां रोज एक पेड़ लगाकर पर्यवारण संरक्षण के लिए काम कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ शहर के बीचों-बीच से गुजरने वाली कलियासोत नदी के कैचमेंट में मिट्टी से भराव किया जा रहा है। कोलार स्थित जेके हॉस्पिटल प्रबंधन द्वारा नदी में दर्जनों ट्रक मिट्टी-मुरम डालकर भर दिया गया है। नदी को पाटे जाने से उसे छोटे से नाले में बदलने का प्रयास किया जा रहा है। देखिये वीडियो और तस्वीरों में नदी पर अतिक्रमणकारियों के दुस्साहिक कृत्य को।
मध्य प्रदेश में पर्यवारण के साथ खिलवाड़ा किया जा रहा है और ऐसा करने वाले लोगों को सरकार या शासन-प्रशासन का कोई खौफ भी नहीं है। राजधानी के बीच से होकर कलियासोत नदी निकलती है जो बावड़िया कलां और कोलार को अलग-अलग हिस्सों में बांटती है। कोलार वाले हिस्से की तरफ कलिया सोत नदी को मुरम-मिट्टी से बारिश के बाद ऐसे पाट दिया गया है कि वह मैदान में बदल गई है। यहां नदी नाले के स्वरूप में आ चुकी है।
नदी के भराव वाला क्षेत्र जेके हॉस्पिटल से लगा
कोलार वाले कलियासोत नदी के हिस्से में जेके हॉस्पिटल लगा है जहां नदी को मुरम-मिट्टी से पाट दिया गया है। इससे नदी का बहाव बारिश में प्रभावित होगा और आसपास की रहवासी कॉलोनियों के लोगों के जान-माल का नुकसान हो सकता है। इस संबंध में कुछ कॉलोनियों के लोगों ने उच्च अधिकारियों को भी शिकायत की है लेकिन अब तक कोई सुध नहीं ली गई है।
एनजीटी भी कर चुका कार्रवाई
गौरतलब है कि कलियासोत नदी से सटे रहवासी क्षेत्रों और हॉस्पिटल प्रबंधन की गतिविधियों को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) भी कार्रवाई कर चुका है। इसके बावजूद अब नदी को सरेआम पाटा जा रहा है और उसके कैचमेंट एरिया को नाले का रूप दिया जा रहा है।
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