मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को अभी छठवें वेतनमान के मुताबिक ही गृह भाड़ा भत्ता (एचआरए) दिया जा रहा है लेकिन सातवें वेतनमान के अनुसार एचआरए और अन्य भत्तों के पुनरीक्षण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए सरकार ने समिति का गठन कर दिया है। आपको बताते हैं, सरकार ने कब समिति बनाई और वर्तमान में कितनी श्रेणी में बांटकर दिया जा रहा एचआरए।
मध्य प्रदेश के सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को अभी छठवें वेतनमान के आधार पर एचआरए का भुगतान किया जा रहा है। एक सितंबर 2012 के परिपत्र के आधार पर यह एचआरए चार श्रेणी में आबादी के मुताबिक अलग-अलग शहर कस्बे में अधिकारियों व कर्मचारियों को दिया जाता है। विधानसभा में विधायक नर्मदाप्रसाद प्रजापति के लिखित प्रश्न के जवाब में सरकार ने दी है और कहा कि सातवें वेतनमान के मुताबिक एचआरए और अन्य भत्तों का भुगतान करने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने एक समिति का गठन किया है। 25 जनवरी को ही इसके लिए समिति बना दी गई है।
अभी एचआरए की ये हैं श्रेणीः
- सात लाख से ज्यादा की आबादी वाले शहर-कस्बे में रहने वाले अधिकारी-कर्मचारी को एचआरए की दर (वेतन बैंड में वेतन व बैंड वेतन के योग का प्रतिशत) दस।
- तीन से सात लाख की आबादी वाले शहर व कस्बे में रहने वाले अधिकारी-कर्मचारी को एचआरए की दर (वेतन बैंड में वेतन व बैंड वेतन के योग का प्रतिशत) सात।
- 50 हजार से तीन लाख तक की आबादी वाले नगर या कस्बे के निवासी अधिकारी-कर्मचारी को एचआरए की दर (वेतन बैंड में वेतन व बैंड वेतन के योग का प्रतिशत) पांच।
- 50 हजार से कम आबादी वाले नगर या कस्बे में रहने वाले अधिकारी-कर्मचारी को एचआरए की दर (वेतन बैंड में वेतन व बैंड वेतन के योग का प्रतिशत) तीन।
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