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कर्नाटक के कांग्रेस घोषणा पत्र पर MP में राजनीति, बजरंग दल बनाम PFI

कर्नाटक विधानसभा चुनाव अपने चरम पर है और वहां के कांग्रेस के घोषणा पत्र को लेकर मध्य प्रदेश में राजनीति गरमा गई है। भाजपा ने मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ से इस पर स्पष्टीकरण मांगा है कि वे अपने आपको हनुमानभक्त कहते हैं तो कर्नाटक में कांग्रेस बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाए जाने पर अपना मत स्पष्ट करें। क्या वे भगवान हनुमान जी को ताले में बंद करने से सहमत हैं।

बजरंग दल पर कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस ने घोषणा पत्र में सरकार में आने पर प्रतिबंध लगाने का वादा किया है जिसको लेकर कर्नाटक में राजनीति गरमाई है, साथ ही इस साल मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने की वजह से यहां भी राजनीति जबरदस्त गरमा गई है। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ को पत्र लिख दिया है और मध्य प्रदेश के संदर्भ में उनका मत स्पष्ट करने को कहा है। मिश्रा ने कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी जवाब मांगा है और आरोप लगाया है कि जब राहुल गांधी और प्रियंका गांधी चुनाव के दौरान मध्य प्रदेश आते हैं तो मंदिर-मंदिर घूमते हैं। कांग्रेस ने पहले भगवान राम को ताले में बंद रखा और अब हनुमानजी को बंद करना चाह रही है। वहीं, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी और नरेंद्र सलूजा ने भी ट्वीट कर कमलनाथ से इस मुद्दे पर जवाब मांगा है।
कांग्रेस का पलटवार, सिंधिया के पुराने वीडियो से
इधर, कांग्रेस ने इस मुद्दे पर पलटवार में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बजरंग दल को लेकर दिए गए पुराने वीडियो वायरल किया है। इसमें वे बजरंग दल के बलराम के आईएसआईएसआई से संबंधों के आरोप लगाते हुए सुनाई दे रहे हैं। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर बजरंग दल के खिलाफ 2000 में अपनी सरकार के दौरान प्रतिबंध लगाने के केंद्र सरकार को भेजे गए एक प्रस्ताव का जिक्र किया और कहा कि उनकी बातें लोगों को समझ में आती हैं लेकिन देर से आती हैं।
मैंने तो सन् २००० में SIMI व बजरंग दल दोनों को प्रतिबंधित करने के लिए प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था। लेकिन तत्कालीन केंद्र में भाजपा सरकार ने स्वीकार नहीं किया।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) May 2, 2023
-३ @PMOIndia @AmitShah @INCIndia
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