चुनाव का साल है और दलबदलुओं के कांग्रेस और भाजपा में आने-जाने का दौर चल रहा है। इस दौर में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने ऐसे लोगों में शामिल विधायकों की कीमत बताई और ऐसे लोगों के मिलने के लिए उनके पास कितना समय है, यह बयान दिया है। इस बयान पर राजनीतिक माहौल गरमा गया है। सुनिये कमलनाथ ने क्या कहा, उसके क्या मायने हैं और विपक्ष क्या मायने निकालकर बता रहा है।
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं कांग्रेस हो या भाजपा दलबदल के इच्छुक लोग पार्टियों से संपर्क करने में जुटे हैं। ऐसे नेताओं को लेकर कमलनाथ ने आज मीडिया से चर्चा करते हुए ऐसा जवाब दिया जो दलबदल करने वाले लोगों को उनकी कीमत का आकलन बता रहा है। उन्होंने कहा कि विधायकों की कोई कीमत नहीं बल्कि ऐसे लोगों की कीमत होती है जो जमीन से जुड़ा है।
छिपकर मिलने वालों पर तंज
कमलनाथ ने कहा कि जो जमीन से जुड़ा नेता होता है, वैसे नेताओं को छिपकर मिलने की जरूरत नहीं होती। विधायक या अन्य नेताओं की बहुत संख्या है जो कांग्रेस में आना चाहता है। ऐसे लोगों के लिए उनके पास प्रायवेटली मिलने का समय नहीं है जो केवल विधायक या अन्य श्रेणी के आधार पर आने की इच्छा रखते हैं। जो आना चाहता है वह सभी के सामने मिले।
फुरसत नहीं मिलने की
कमलनाथ ने मीडिया से कहा कि उन्हें अभी फुरसत नहीं है, लोगों के प्रायवेटली मिलने की। जो आना चाहते हैं वे सभी के साथ आकर मिलें और तारीख बताएं, वे कब आना चाहते हैं। यादवेंद्र सिंह यादव जैसे आए थे, वैसे आएं।
भाजपा का हमला, जनता चुनकर भेजने वालों की कीमत होती है
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कमलनाथ के बयान पर उन्हें याद दिलाया कि यह भारत का लोकतंत्र है। जनता जिन्हें चुनकर भेजती है, उसी की कीमत होती है। उन्होंने कमलनाथ को पैसे का घमंड बताया और कहा कि जो व्यक्ति चुनकर आता है, वही लोकतंत्र का सबसे बड़ा आधार होता है।
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