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ओडिशा में दहाड़ेंगे मध्यप्रदेश के बाघ
राज्य शासन ने ओडिशा के सतकोशिया टाइगर रिजर्व को 3 जोड़ी बाघ देने की सैद्धांतिक सहमति दी है। दोनों ही राज्यों में राष्ट्रीय बाघ आंकलन-2018 के चलते बाघों का स्थानान्तरण संभवत: मार्च के अंतिम सप्ताह में होगा। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बाघों के स्थानान्तरण के लिये स्वीकृति दे दी है।
कभी बाघों से आबाद रहे सतकोशिया टाइगर रिजर्व में मात्र एक बाघ का जोड़ा बचा है जो अपनी औसत आयु पार कर चुका है। पिछले कुछ दिनों से मात्र एक बाघ ही कैमरे में ट्रेप हो रहा है। इन बाघों के समाप्त होने से रिजर्व में बाघ का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा। ऐसे में ओडिशा सरकार द्वारा लिखे गये पत्र और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एन.टी.सी.ए.) की तकनीकी समिति की बैठक के बाद राज्य शासन ने ओडिशा को 6 बाघ भेजने का निर्णय लिया है। इससे ओडिशा में बाघों का कुनबा वापस बढ़ सकेगा। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) श्री जितेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि सतकोसिया टाइगर रिजर्व के बाघों का जेनेटिक नेचर मध्यप्रदेश के बाँधवगढ़ और कान्हा टाइगर रिजर्व के बाघों से मिलता-जुलता है। पूर्व में मध्यप्रदेश से ओडिशा तक बाघ कॉरिडोर होने के भी प्रमाण हैं। आशा है इससे मध्यप्रदेश के बाघ ओडिशा के नये वातावरण में आराम से अभ्यस्त हो जाएंगे।श्री अग्रवाल ने बताया कि मध्यप्रदेश बाघ शून्य हो चुके पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की पुर्नस्थापना के साथ 30 बाघों को सफलतापूर्वक स्थानान्तरित कर चुका है। ओडिशा को स्थानान्तरण के पहले उनके विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों को रिलीज प्रोटोकॉल का प्रशिक्षण दिया जाएगा। ओडिशा के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) श्री संबित त्रिपाठी ने पिछले दिनों इस संबंध में मध्यप्रदेश का दौरा भी किया है।
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