भोपाल में दो दिन पहले एक परिवार के चार लोगों की मौत का कारण बने ऑनलाइन कर्ज के एप को लेकर आज पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्रा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक उच्च स्तरीय बैठक में ब्रीफ किया। यह ऑनलाइन कर्ज देने वाला बैंक एप भारत से नहीं बल्कि विदेशों से संचालित है जिस पर आरबीआई तक कंट्रोल नहीं है। पढ़िये रिपोर्ट।
घटना को लेकर आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी जिसमें अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा, डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना, एडीजी इंटेलीजैंस आदर्श कटियार और भोपाल पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्रा शामिल हुए। मुख्यमंत्री चौहान ने ऑनलाइन कर्ज दिए जाने के बारे में जानकारी ली और ऐसी घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। पुलिस कमिश्नर ने बताया कि ऑनलाइन लोन एप आरबीआई से अधिकृत नहीं हैं। इस तरह के एप विदेशों से संचालित हैं। सीएम ने ऐसे एप्स के बारे में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को बताया जाए कि उनसे कैसे बचा जाए। इस तरह की गतिविधियों में शामिल अपराधियों को पकड़ने की रणनीति तैयार की जाए। अगर आवश्यकता हो तो भारत सरकार से भी इस बारे में समन्वय किया जाए।
यह है हत्या-आत्महत्या की कहानी
राजधानी भोपाल में दो दिन पहले नीलबड़ ग्रामीण क्षेत्र की एक कॉलोनी में चार सदस्यीय परिवार के मुखिया ने अपने बच्चों को जहर देकर मारने के बाद पत्नी के साथ आत्महत्या कर ली थी जिसकी अब गहराई से जांच की जा रही है। इस परिवार का मुखिया भूपेंद्र सिंह एक प्रायवेट इंश्योरेंस कंपनी में महाराणा प्रताप नगर में काम करता था और उसने ऑनलाइन कर्ज ले लिया था जिसके चंगुल में वह ऐसा फंसा कि उसने दो दिन पहले अपने दो बच्चों को जहर दिया और फिर पत्नी के साथ फांसी पर झूल गया।
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