केंद्र दो हजार टन अरहर और एक हजार टन उड़द दाल का अतिरिक्त आयात करेगा। एम एम टी सी जल्द ही इसके लिए निविदा जारी करेगा। आज नई दिल्ली में कैबिनेट सचिव,पी. के. सिन्हा की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया। उन्होंने दालों की निर्धारित अधिकतम भंडारण सीमा और उसे लागू करने के लिए राज्यों द्वारा किए गए उपायों की भी समीक्षा की।
कैबिनेट सचिव ने कहा कि दिल्ली में केंद्रीय भंडारों और सफल के सभी चार सौ बिक्री केंद्रों के जरिए आयातित अरहर दाल की बिक्री तत्काल शुरू की जानी चाहिए। हमारे संवाददाता ने बताया है कि केंद्रीय भंडार और सफल के एक सौ से अधिक बिक्री केंद्रों ने दिल्ली में एक सौ 20 रुपये किलोग्राम की दर से आयातित अरहर दाल की बिक्री शुरू भी कर दी है।
देश में सालाना लगभग दो करोड़ तीस लाख मीट्रिक टन दाल की खपत होती है। लेकिन दालों का उत्पादन एक करोड़ 80 से एक करोड़ 90 लाख मीट्रिक टन पर स्थिर बना हुआ है। कमी की पूर्ति कनाडा, म्यामां और कुछ अफ्रीकी देशों से आयात कर की जाती है। वर्ष 2014-15 में एक करोड़ 74 लाख मीट्रिक टन दालों का उत्पादन हुआ, जो इससे पिछले वर्ष के उत्पादन से 20 लाख 40 हजार मीट्रिक टन कम था। इसके कई कारण थे, जिनमें बेमौसम बरसात, कीड़े लगना और किसानों को लाभदायक मूल्य नहीं दिया जाना शामिल है।
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