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उर्दू अकादमी की सिलसिला श्रृंखला में शाजापुर में साहित्यिक गोष्ठी

देश की आजादी के 75 वर्ष के अवसर अमृत महोत्सव के अंतर्गत मध्य प्रदेश उर्दू अकादमी, संस्कृति परिषद, संस्कृति विभाग द्वारा संभागीय मुख्यालयों पर नवोदित रचनाकारों पर आधारित “तलाशे जौहर” कार्यक्रम सम्पन्न होने के बाद अब ज़िला मुख्यालयों पर स्थापित एवं वरिष्ठ रचनाकारों के लिए “सिलसिला” के अंतर्गत कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। इस कड़ी का पाँचवाँ कार्यक्रम शाजापुर में 27 अगस्त को शाम 6 बजे “शेरी व अदबी नशिस्त” का आयोजन ज़िला समन्वयक अमन जादौन के सहयोग से किया गया।
अकादमी की निदेशक डॉ. नुसरत मेहदी के अनुसार उर्दू अकादमी द्वारा अपने ज़िला समन्वयकों के माध्यम से प्रदेश के सभी ज़िलों में आज़ादी का अमृत महोत्सव के तहत “सिलसिला” के अन्तर्गत व्याख्यान, विमर्श व काव्य गोष्ठियाँ आयोजित की जा रही हैं। ज़िला मुख्यालयों पर आयोजित होने वाली गोष्ठियों में सम्बंधित ज़िलों के अन्तर्गत आने वाले गाँवों, तहसीलों, बस्तियों इत्यादि के ऐसे रचनाकारों को आमंत्रित किया जा रहा है जिन्हें अभी तक अकादमी के कार्यक्रमों में प्रस्तुति का अवसर नहीं मिला है अथवा कम मिला है।
शाजापुर ज़िले के समन्वयक समन्वयक अमन जादौन ने बताया कि शाजापुर में आयोजित साहित्यिक गोष्ठी में आठ शायरों और वक्ताओं ने शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ शायर बेतकल्लुफ शाजापुरी ने की एवं मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ शायर पंकज पलाश मंच पर उपस्थित रहे। जिन शायरों ने अपना कलाम पेश किया उनके नाम और अशआर इस प्रकार हैं।
अम्न का क़ाफ़िला करता रहा मिन्नत फिर भी चंद लम्हों को भी ख़ामोश न बैठे हम लोग हनीफ़ राही
वरक़ वरक़ सा बिखरता किताब-ए-ग़म जैसा मिलेगा शहर में शायद ही कोई हम जैसा साजिद रईस वारसी
डर है लपक न ले मुझे मेरी उदासियाँ तुम मुस्कुरा के मुझ में उजाला किया करोअर्पित शर्मा अर्पित
खुदा बीवियों को तू शोहर का डर दे मर्दों के दामन को खुशियों से भर दे दुआ कर रहा हूं यही मेरे मोला शुरुआत इसकी मेरे घर से कर दे मशहूर शाजापुरी
हम सराबों के सताए लोग थेहम नहीं माने समंदर आ गया~अनुराग ‘ अर्श’
हर आँख ने घूरा उसे वहशत की नज़र सेदुनिया को देखिए कभी औरत की नज़र से-अमन जादौन
शेरी नशिस्त का संचालन अमन जादौन द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अंत में अर्पित शर्मा अर्पित ने सभी का आभार व्यक्त किया।
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