उमा भारती का खुलासा, रिटायर्ड आईएएस जुलानिया ने केन-बेतवा लिंक परियोजना में देरी की

मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने रिटायर्ड आईएएस अधिकारी राधेश्याम जुलानिया को केन-बेतवा लिंक परियोजना में देरी का कारण बताया है। उन्होंने कहा कि 2017 में लिंक परियोजना तैयार थी लेकिन जुलानिया के जल संसाधन विभाग में होने की वजह से प्रोजेक्ट उस समय शुरू नहीं हो सका।

मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने ट्वीट कर कहा है कि लोकायुक्त संगठन में रिटायर्ड आईएएस अधिकारी राधेश्याम जुलानिया के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस दर्ज हुआ है, जिसके लिए वे शिकायतकर्ता का अभिनंदन करती हैं। भारती ने कहा कि यह वही आईएएस अधिकारी हैं जिनके लिए केन-बेतवा लिंक परियोजना को लेकर मैंने ट्वीट किया था। जिन दो अधिकारियों का ट्वीट में जिक्र किया था, उनमें से एक अधिकारी वे ही हैं।
केन-बेतवा प्रोजेक्ट 2017 में शुरू नहीं होने की वजह जुलानिया
भारती ने आरोप लगाया है कि 2017 में केन-बेतवा लिंक परियोजना तैयार थी लेकिन इसी व्यक्ति की वजह से तब प्रोजेक्ट शुरू नहीं हो सका। तब मुख्यमंत्री के सामने मुख्य सचिव को इस अधिकारी को जल संसाधन विभाग से हटाने को कहा था और तब उन्हें हटा भी दिया गया था। मगर जब मंत्रिमंडल फेरबदल में उनका विभाग बदला तो यह अधिकारी वापस जल संसाधन विभाग में लौट गया। भारती ने आश्चर्य जताया कि ऐसे अधिकारी प्रभावशाली जगहों पर मौजूद क्यों रहते हैं।
जुलानिया पर लोकायुक्त संगठन में जांच शुरू हुई
गौरतलब है कि रिटायर्ड आईएएस अधिकारी जुलानिया के खिलाफ लोकायुक्त संगठन में ई टेंडर टेम्परिंग घोटाले से जुड़ी कंपनी से एक करोड़ रुपए की राशि लेने के आरोपों की जांच शुरू हुई है। ई टेंडर टेम्परिंग घोटाले से जुड़ी कंपनी से जुड़े व्यक्ति और जुलानिया के बैंक खातों में राशि ट्रांसफर होने के साक्ष्यों के साथ एक शिकायत में यह जांच शुरू की गई है जिसको लेकर भारती ने शिकायतकर्ता की तारीफ की है।

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