विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा और कांग्रेस नेताओं के बीच चेतावनी-धमकियों का दौर शुरू हो गया। एक तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान-कमलनाथ के बीच जुबानी जंग चल रही है तो दूसरी तरफ अन्य नेता भी अपने-अपने अंदाज में धमकियां दे रहे हैं। धार के गंधवानी विधानसभा क्षेत्र पर पूर्व मंत्री उमंग सिंगार ने अपनी पार्टी और भाजपा दोनों के नेताओं को आदिवासी मुख्यमंत्री बनाने की मांग की और चेताया था उन पर इतने केस लगाए जा रहे हैं लेकिन जंगल का शेर तो शेर ही होता है। इस शेर को अब भाजपा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने उनके विधानसभा क्षेत्र में जाकर कांग्रेस समर्थकों को उलटा लटका देने की चेतावनी दे डाली। पढ़िये रिपोर्ट।
पूर्व मंत्री उमंग सिंगार ने पिछले दिनों आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग उठाई थी। उन्होंने कहा कि वे जब आदिवासी हितों की बात करते हैं तो नेताओं को मिर्ची लगती है। कांतिलाल भूरिया को चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष बनाए जाने को उन्होंने आदिवासियों के हिसाब से कमतर पद बताया और कहा कि बनाना है तो मुख्यमंत्री बनाएं। यह मांग उन्होंने अपनी पार्टी कांग्रेस के साथ भाजपा से भी की थी। उमंग सिंगार भी अपनी पार्टी कांग्रेस ही नहीं भाजपा को आदिवासी मुख्यमंत्री बनाने के लिए चेतावनी भरे अंदाज में कह चुके हैं कि जंगल का शेर, शेर ही होता है।
विजयवर्गीय का अवैध शराब कथित कांग्रेस समर्थक कारोबारियों को धमकी सिंगार की सभा के बाद कैलाश विजयवर्गीय धार के गंधवानी में सभा करने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि उन्हें शिकायत मिली है कि कांग्रेस समर्थक लोग शराब का अवैध कारोबार कर रहे हैं। दादागिरी करते हैं। विजयवर्गीय ने कहा कि ऐसे लोग चलने वाले नहीं हैं। अपनी वाली पर आ गया तो दो दिन में उलटा लटका दूंगा। विजयवर्गीय की चेतावनी पर सभा में तालियां बज गईं। गौरतलब है कि इंदौर में विजयवर्गीय को बॉस कहा जाता है और विजयवर्गीय के कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से अच्छे संबंध भी माने जाते हैं। दिग्विजय सिंह और उमंग सिंगार के बीच राजनीति दुश्मनी है जिसको लेकर वे दिग्विजय सिंह के खिलाफ कमलनाथ सरकार के समय सीधी लड़ाई भी लड़ चुके हैं। उनके अवैध शराब कारोबारियों से संबंधों के आरोप भी तब सिंगार ने दिग्विजय सिंह पर लगाए थे।
सिंगार का विजयवर्गीय की धमकी का जवाब विजयवर्गीय को ट्विटर पर उमंग सिंगार ने पलटवार करते हुए तंज कसा कि आप मुख्यमंत्री नहीं बन पाए, शायद यही आपकी पीड़ा है और उसके लिए वे दुखी हैं। सिंगार ने कहा कि उन्हें तो आदिवासी ही विधायक बनाएंगे। मगर आप आदिवासियों का भला करना चाहते हैं तो आदिवासी मुख्यमंत्री बनाने की बात पार्टी में कर सकते हैं।
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