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इंदौर के आसपास रहे खनिज अधिकारियों की सम्पति की भी जाँच हो : मालू
माफियाओं पर लगाम लगाने, सख्त कार्रवाई करने में भाजपा सरकार हमेशा आगे रही है। अब सरकार ने खनिज माफिया और भ्रष्ट खनिज अधिकारियों के खिलाफ शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। काँग्रेस के जमाने में जो भ्रष्ट अधिकारी बचे रहे, वे अब नहीं छूटेंगे। ऐसे सभी अधिकारियों की भी की सम्पति की जाँच होनी चाहिए, जो बरसों से इंदौर के आसपास पदस्थ रहे हैं।
यहाँ जारी एक बयान में खनिज निगम के पूर्व उपाध्यक्ष गोविंद मालू ने कहा कि कुछ अधिकारियों ने खनिज विभाग को बदनाम कर रखा है। उसमें प्रदीप खन्ना जैसे अन्य कई अधिकारी हैं, जिनकी वसूली के खिलाफ ईमानदारी से खनन करने वाले परेशान हैं। खनिज विभाग में कुछ अधिकारी ऐसे हैं जो हमेशा इंदौर या आसपास के जिलों में ही रहना चाहते हैं! वे जोड़तोड़ से अपना काम निकालने में माहिर हैं। वे इंदौर से बाहर निकलते ही फ्लाइंग स्क्वाड और कभी किसी आसपास के जिले में ही पदस्थापना करवा लेते रहते हैं। यही कारण है कि इंदौर में खनिज अधिकारियों के पास इतनी सम्पत्ति निकल रही है।
श्री मालू ने खनिज मंत्री को पत्र लिखकर एक स्थान पर, एक संभाग और इंदौर जिले की 100 किलोमीटर की परिधि में ही पदस्थ होने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने और उनकी संपत्ति की जांच करवाने की मांग की है। उन्होंने लिखा कि ऐसे अधिकारियों की सूची बनाकर उन्हें शहडोल, बालाघाट, सागर जैसे दूरस्थ जिलों में पोस्टिंग दी जानी चाहिए। जिन खनिज अधिकारियों के निवास जिस संभाग में हों, उन्हें वहाँ कभी पदस्थापना नहीं दी जाए। साथ ही ऐसे अधिकारियों की सम्पत्ति की भी सरकार जांच करवाए, ताकि लोगों में सरकार के प्रति विश्वास और बढ़े।
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