आशा-उषा कार्यकर्ताओं का मानदेय 6000 और आशा पर्यवेक्षकों का 13500 होगा, हर साल स्वतः 1000 बढ़ेंगे

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आशा-उषा कार्यकर्ताओं का मानदेय 6000 रुपए और आशा पर्यवेक्षकों का मानदेय 13500 रुपए करने का ऐलान किया। आशा उषा कार्यकर्ताओं को लाड़ली बहना योजना का लाभ दिए जाने की भी घोषणा की। पढ़िये रिपोर्ट।

आशा उषा कार्यकर्ता और आशा पर्यवेक्षकों के सम्मेलन में शामिल होने आज जब महिलाएं भोपाल पहुंची लेकिन एक दिन पहले सामूहिक रूप से संदेश भेजकर सम्मेलन स्थगित किए जाने की सूचना से वे नाराज दिखाई थीं। सीएम के आज के कार्यक्रम में इस सम्मेलन का जिक्र नहीं था लेकिन बड़ी संख्या में आशा उषा कार्यकर्ताओं और आशा पर्यवेक्षकों के भोपाल के लाल परेड मैदान पर एकत्रित हो जाने से मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में ताबड़तोड़ बदलाव किया गया। शाम को चार बजे सीएम कार्यक्रम में पहुंचे।
मानदेय को बढ़ाने का ऐलान होने पर नाराजगी दूर
मुख्यमंत्री चौहान ने सम्मेलन में पहुंचने के बाद आशा-उषा कार्यकर्ता और आशा पर्यवेक्षकों का मानदेय बढ़ाने का ऐलान किया तो नाराज महिलाएं खुश हो गईं। सीएम ने आशा-उषा कार्यकर्ताओं का मानदेय 2000 रुपए से बढ़ाकर 6000 रुपए तथा आशा पर्यवेक्षकों का मानदेय 13500 करने का ऐलान किया। यही नहीं इस बढ़े हुए मानदेय में हर स्वतः एक हजार रुपए की वृद्धि किए जाने की घोषणा भी की। सीएम ने मानदेय बढ़ाने के लिए इन महिलाओं के आंदोलन के दौरान निकाली गईं आशा-उषा कार्यकर्ताओं को वापस सेवा में लिए जाने का भी ऐलान किया। मुख्यमंत्री ने आशा-उषा कार्यकर्ता को रिटायरमेंट के बाद एक लाख रुपए की राशि देने और सेवा के दौरान पांच लाख रुपए का बीमा भी किए जाने के निर्देश भी सम्मेलन में मौजूद अधिकारियों को दिए।
इनसेंटिव के नियमित भुगतान के निर्देश
चौहान ने कहा कि आशा उषा कार्यकर्ताओं ने कोविड में अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों की सेवा की। अब आशा-उषा कार्यकर्ता के काम का दायरा बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि काम की तुलना में आशा-उषा कार्यकर्ताओं को मिलने वाला इनसेंटिव नियमित रूप से नहीं मिलने की शिकायत को दूर करने के निर्देश देते हुए स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को कहा कि हर जिले की मॉनीटरिंग कर समय पर इनसेंटिव दिए जाने की व्यवस्था की जाए। रुटीन के काम कई बार समय की कमी के कारण पूरे नहीं होने पर आशा-उषा कार्यकर्ता की सेवा समाप्त कर दी जाती है लेकिन अब उनकी बिना गंभीर कारणों के लिए सेवा की समाप्ति नहीं की जाएगी। हर आशा-उषा कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में शामिल किया जाएगा।

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