सरकार द्वारा शुरू किये गये शहरी मिशन के अंतर्गत वाराणसी में परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए एक समय सीमा तय की गई है। तीर्थ स्थल में एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के आदेश पर यह फैसला किया गया।
समीक्षा बैठक पिछले सप्ताह उत्तर प्रदेश के शहरी विकास मंत्री श्री सुरेश खन्ना की अध्यक्षता में हुई। बैठक में मंत्रलाय के सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र, केन्द्र और राज्य सरकारों तथा वाराणसी नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक में फैसला किया गया कि वाराणसी नगर निगम की इमारत को कार्यालय और व्यावसायिक स्थल प्रदान करने के लिए एक प्रतिष्ठित इमारत के रूप में दोबारा विकसित किया जाएगा। इसकी संभाव्यता के बारे में एनबीसीसी अगले महीने के अंत तक रिपोर्ट देगा। वाराणसी स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत मल्टी लेवल कार पार्किंग के रूप में विकसित करने के लिए इस वर्ष सितंबर तक 8 स्थानों की पहचान की जाएगी। पंडित मदन मोहन मालवीय के योगदान से लेकर आजादी के आंदोलन के बारे में एक संग्रहालय और संस्कृति केंद्र विकसित किया जाएगा, जिसके लिए निविदाएं नवम्बर तक आमंत्रित की जाएंगी। 33 जंक्शनों में सुधार के लिए भी सितंबर तक निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी। स्मार्ट सिटी योजना के कार्यान्वयन के लिए विशेष उद्देश्य वाहन (एसपीवी) में पदों को भरने का काम अगले महीने तक पूरा हो जाएगा। यह भी फैसला किया गया है कि वाराणसी एसपीवी के निदेशक मंडल में जिला मजिस्ट्रेट को भी शामिल किया जाएगा।वाराणसी को इस वर्ष अक्टूबर तक खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए शौचालयों का निर्माण सितंबर तक पूरा करने के उद्देश्य से स्थानीय पंजीकृत ठेकेदारों की सेवाएं ली जाएंगी। कडसारा ठोस कचरा प्रबंधन परियोजना के संचालन के लिए एक नई एजेंसी को शामिल करने का फैसला किया गया है। नगर निगम यह सुनिश्चित करेगा कि होटल और रेस्तरां से निकलने वाले ठोस कचरे के निपटारे के लिए प्रोसेसिंग संयंत्र लगाए जाएं। कायाकल्प एवं शहरी रूपांतरण के लिए अटल मिशनके अंतर्गत जलापूर्ति कनेक्शन प्रदान करने के लिए इस महीने के अंत तक तथा करीब 50 हजार घरों को सीवर कनेक्शन देने के लिए महीनेवार कार्य योजना तैयार की जाएगी।
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