पेशाब-पिटाईकांडः आदिवासी विधायक ने राष्ट्रपति-राज्यपाल से मांगा इस्तीफा, कहा आदिवासी हितों का संरक्षण करने में नाकाम

मध्य प्रदेश में सीधी, इंदौर में आदिवासियों पर अत्याचार की घटनाओं को लेकर युवा आदिवासी संगठन जयस नेता व कांग्रेस विधायक डॉ. हीरालाल अलावा ने आदिवासी समाज से आने वाली राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और राज्यपाल मंगूभाई पटेल से इस्तीफा मांगा है। अलावा का कहना है कि वे राष्ट्रपति व राज्यपाल आदिवासी समाज के होने के बाद भी देश के असली मालिक आदिवासियों के हितों के संरक्षण में नाकाम हैं और इसलिए उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। पढ़िये रिपोर्ट।

आदिवासी समाज से आने वाले विधायक डॉ. हीरालाल अलावा ने कहा कि मध्य प्रदेश में आदिवासियों के प्रति अपराधियों के हौंसले बढ़ रहे हैं। इसमें सरकार के आदिवासियों के हितों का संरक्षण देने में असफल रहने की वजह से यह स्थिति बनी है। पेसा कानून, संविधान की पांचवीं और छठवीं अनुसूची के प्रावधानों को धरातल पर अमल नहीं किए जाने से आदिवासियों पर हमले की घटनाएं बढ़ रही हैं।

अलावा ने गिनाई आदिवासी पर अत्याचार के मामले
नेमावर में आदिवासियों को दस-दस फीट गहरे गड्ढे में गाड़ दिया गया था। नीमच बरादा में कन्हैया आदिवासी को गाड़ी में बांधकर घसीटकर मारा गया था। बमौरी में आदिवासी महिला को जिंदा जला दिया गया था। खरगोन के भाभरा में भी पुलिस हिरासत में आदिवासी युवकों की हत्या की गई है। विधायक डॉ. अलावा ने कहा कि मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार आदिवासियों पर अत्याचार रोकने में असफल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करते हुए आदिवासियों पर अत्याचार के मामलों में राज्य की सरकार से कड़ाई से कदम उठाने की मांग की है।

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