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आईएएस अधिकारी थेटे और कर्णावत का धरना

दलित आदिवासी फोरम के बैनर तले मध्यप्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी रमेश थेटे और शशि कर्णावत ने तुलसी नगर के आंबेडकर मैदान में धरना शुरू कर दिया। उनके धरने में फोरम के संयोजक डॉ. मोहनलाल पाटिल भी थे और कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा भी धरनास्थल पर पहुंचे।
राजस्थान में मुख्य सचिव नहीं बनाए से नाराज होकर आईएएस अधिकारी उमराव कदम द्वारा धर्म परिवर्तन किए जाने के घटनाक्रम के बाद मध्यप्रदेश में भी आईएएस अधिकारी अपने दलित-आदिवासी होने पर कथित रूप से भेदभाव बरते जाने के आरोप लगाने लगे हैं। इन अफसरों द्वारा मोर्चा खोले जाने से राज्य सरकार भी पसोपेश में है। थेटे खुलकर लोकायुक्त जस्टिस पीपी नावलेकर पर आरोप लगाते रहे हैं और राज्य शासन से अभियोजन स्वीकृति दिए जाने पर साथी सवर्ण आईएएएस अधिकारियों पर भी आरोप लगा रहे हैं।
दलित आदिवासी फोरम की मांग:
फोरम की मांग की है कि आरक्षण के तहत मध्यप्रदेश के 18 जिलों में दलित और आदिवासी आईएएस को कलेक्टर बनाया जाए। साथ ही चार संभागों में इन्हीं वर्गों के आईएएएस अधिकारी कमिश्नर बनाए जाएं।
थेटे कौन:
रमेश थेटे वरिष्ट आईएएस अधिकारी हैं और अभी बाल संरक्षण आयोग के सचिव हैं। वे उज्जैन में पदस्थापना के दौरान जमीन के सीलिंग मामले में फंसे हैं जिनके खिलाफ राज्य सरकार ने अभियोजना स्वीकृति भी दे दी है।
कौन हैं कर्णावत:
शशि कर्णावत राज्य प्रशासनिक सेवा से आईएएस बनी हैं। वे इन दिनों निलंबित हैं क्योंकि अदालत ने उन्हें सजा सुनाई है।
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