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केवल जनवेदना नहीं बल्कि यह कांग्रेस वेदना भी: पचौरी

पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी ने कहा कि यह केवल जनवेदना नहीं बल्कि यह कांग्रेस वेदना भी है। बीजेपी मैं अंतरकलह है, अंत्रद्वद्व है इसके लिए जरूरी है आपस में मतभेद, मनमुटाव को त्यागें। प्रदेश ने कई नेता दिए हैं चाहे कमलनाथ हो या दिग्विजय या सिंधिया, उनके अनुभव का लाभ लेना होगा, हमें भूतकाल से सीखना चाहिए।
पचौरी ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा राजधानी भोपाल के रोशनपुरा चौराहा स्थित ‘‘जवाहर भवन’’ पर जनवेदना सम्मेलन कहा। पचौरी ने पार्टी की एकजुटता पर बल देते हुए कहा कि अब हमें एकजुटता के साथ जनता के बीच जाना होगा। बाला बच्चन ने कहा कि यह सरकार अपने हिसाब से सदन को चलाते हैं, सदन को पूरा नहीं चलने दिया जाता है, इसलिए मैं बताना चाहता हूं कि बड़वानी में जो मेरे साथ हुआ उसके अलावा सरस्वती बाई, तरुण भनोत के साथ हुआ था और होता रहता है.
प्रभारी महासचिव प्रकाश ने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उनकी कार्यप्रणाली, गरीब विरोधी नीतियों, नोटबंदी और उसके बाद नोटबंदी की नोटंकी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि बिना किसी ठोस रणनीति के मोदी द्वारा लिये गये तुगलकी फरमान से समूचा देश, विशेष हमारी माँ-बहने हलाकान हैं। मोदी ने अपने अब तक के प्रधानमंत्रित्व कार्यकाल में लगातार गरीबों और गरीबी का गला घौंटा हैं। पहले हमले में किसानों की जमीनांे पर हाथ मारा, छह अध्यादेश लाकर भी कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों की एकजुटतो के कारण पूंजीपतियों को समर्पित यह अध्यादेश केंद्र सरकार लागू नहीं कर पाई। उसके बाद योजना आयोग जो किसी राजनैतिक दल का ना होकर समूचे देश के लिए काम करता है, को निशाना बनाया। फिर बहुपयोगी रेल मंत्रालय के बजट को आम बजट में शामिल करने की सनक जाहिर की। अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया जो एक संवैधानिक संस्था है, के गर्वनर को कमजोर करते हुए अपनी तुनकमिजाजी के चलते उसे विश्वास में लिये बगैर नोटबंदी का फरमान जारी कर दिया, जिससे पूरे देश में वित्तीय आपातकाल की स्थिति ना केवल निर्मित हुई है, बल्कि इसके दूरगामी परिणाम भी घातक होते दिखाई दे रहे हैं।
9/11 के दंश ने अमेरिका को चुनौती दी थी और 8/11 को भारत में देश के प्रधानमंत्री ने जो किया है वह कई वर्षाें तक हमारी अर्थव्यवस्था को एक दंश के रूप में जकड़े रहेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा पहने गये 12 लाख के सूट, जिसे 4 करोड़ रू. में नीलाम किया गया था, पर तंज कसते हुए कहा कि यह पैसा काला था या सफेद धन। प्रवर्तन निदेशालय तब कहां था ?
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव ने ने कहा राहुल गाँधी ने नारा दिया है कि डरो नहीं,.संघर्ष करो, बीजेपी से संघर्ष करो. देश दब संकट में हो तो हमारी जिम्मेदारी बनती है कि जनता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलें, अपील की कि आप आखिर तक सुनें और इसे आगे ले जाने की रणनीति समझें. बाला बच्चन ने कहा कि यह सरकार अपने हिसाब से सदन को चलाते हैं, सदन को पूरा नहीं चलने दिया जाता है, इसलिए मैं बताना चाहता हूं कि बड़वानी में जो मेरे साथ हुआ उसके अलावा सरस्वती बाई, तरुण भनोत के साथ हुआ था और होता रहता है.
नोटबंदी को लेकर जारी राष्ट्रव्यापी अभियान के सह-संयोजक पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री भंवर जितेन्द्रसिंह ने जन वेदना अभियान के बारे में बताया. राहुल गाँधी और सोनिया गांधी का मन था कि सभी ब्लॉक अध्यक्ष को बुलाते लेकिन षड्यंत्र के तहत एक सप्ताह के लिए बुक होना बताया गया. ताल कटोरा स्टेडियम ही मिल सका जिसकी क्षमता कम थी. आंदोलनों को सराहा. भँवर सिंह ने कहा कि थाली पिटाई आरबीआई को, अब जन वेदना पंचायत होगी, ४००० मीटिंग होंगी, प्रारूप दिया जाएगा . मोदी के बुलाने का आमंत्रण भेजेंगे, दुल्हे की कुसी्र लगाएं, उस पर मोदी का पोस्टर लगाए, एेसे किसान, महिला, मजदूर को ढूढें जो नोटबंदी से परेशान हो गया हो, मजदूर की मजदूरी नहीं मिल रहू, ऐसे व्यापारी को चौराहा पर लाएँ जिसका धंधा बुरी तरह प्रभावित हो गया हो, उनसे ही बुलवाएं. पूरे प्रदेश के ४८८ ब्लॉक में एक एक मीटिंग करें. हरेक का हाथ उठवाकर समर्थन लिया कि यहाँ हर विधानसभा झेत्र में नहीं ब्लॉक में मीटिंग करेंगी. राहुल गांधी को कहूंगा कि मप्र में योद्धा हैं वै विधानसभा नहीं ब्लॉक में मीटिंग करेंगे. दूसरा काय्रक्रम है किसी बेहाल लोगों की तस्वीरें ८७४००८७४०० पर भेज देें. हम वेबसाइट पर इन तस्वीर को डालेंगं. अगले एक महीने में दन वेदना पंचायत की मीटिंग करना है. ये ही मीटिंग आपकी पहचान दिखाईगी, उन लोगों की पहचान होगी जो पद लेकर कुछ काम नहीं करते. काय्रक्रम पर जनरल सेक्रटरी नजर रखेंगे और रिपोर्ट भजेंगे.
‘‘जन-वेदना सम्मेलन’’ में ऐतिहासिक उपस्थिति और अनुशासित आयोजन को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव को बधाई देते हुए आंदोलन के दूसरे चरण की कार्ययोजना प्रस्तुत करते हुए कहा कि समूचे देश में जन-वेदना सम्मेलन के सफल आयोजनों के बाद अब ब्लाक स्तरीय जन-वेदना पंचायतंे आयोजित होंगी। मध्यप्रदेश में भी लगभग 250-300 ब्लाकों में ऐसी पंचायतें होंगी। मार्च माह के प्रथम सप्ताह तक ये पंचायतें चलेंगी।
अरविंदरसिंह लवली ने कहा कि नोटबंदी का असर गरीबों पर सबसे ज्यादा पड़ेगा. देश की वैधानिक संस्था को लेकर हमारे स्वतंत्रता के समय के नेताओं ने ध्यान रखें जाने की अहमियत दी थी. हमारी सरकारों ने इसका पूरा ध्यान रखा मगर आज आरबीआई जैसी संस्थाओं को आज बचाने की ज़रूरत है, इन्होंने नेटबंदी कर यही किया आरबीआई को कमजोर किया. कांग्रेस जन दब फैसला कर लेते थे अंग्रेजों स की सरकार को भगा दिया. नोटबंदी से बडी राशि विदेशी निवेश लोग निकालकर ले जा चुके. आने वाले भविष्य को लेकर अर्थ शास्त्री कहते हैं और व्यवस्था और बिगडेगी. मप्र पर ज्यादा असर है. मीडिया यूनिट बं कर रहे हैं टाइम्स २० प्रतिशत छंटनी करने की जा रही है.
सम्मेलन को पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजयसिंह, कार्यकारी नेताप्रतिपक्ष बाला बच्चन, सेवादल के राष्ट्रीय संगठक महेन्द्र जोशी, विधायकगण सर्वश्री रामनिवास रावत, जयवर्धनसिंह, सेवादल के मुख्य संगठक योगेश यादव, महिला कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती मांडवी चौहान, युवा कांग्रेस अध्यक्ष कुणाल चौधरी, अजा विभाग के अध्यक्ष सुरेन्द्र चौधरी सहित कई जिला/ ब्लाक कांग्रेस अध्यक्षों, मंड़ी / जनपद और जिला पंचायत अध्यक्षों/उपाध्यक्षों ने भी संबोधित किया। प्रारंभ में अतिथियों ने ध्वजारोहण के उपरांत महात्मा गांधी, पं. जवाहरलाल नेहरू, श्रीमती इंदिरा गांधी सहित अन्य महापुरूषों के चित्र पर माल्यार्पण किया। प्रदेश कांग्रेस के संगठन प्रभारी महामंत्री श्री चंद्रिका प्रसाद द्विवेदी ने कार्यक्रम का संचालन किया।
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