कुत्तों के पिल्लों को माइक्रो चिप लगाकर ही बेचा जा सकेगा। पिल्लों के विक्रय की शाप बन सकेगी। राज्य पशु कल्याण बोर्ड से दो वर्ष की अवधि के पिल्लों का प्रजजन करने वाले एवं डाग शाप खोलने के लायसेंस लेना होगा। पांच हजार रुपये शुल्क देकर लायसेंस का नवीनीकरण कराया जा सकेगा।
पर्यावरण मंत्रालय ने नियम जारी किये हैं। ये नियम फरवरी के बाद देशभर में प्रभावशील हो जायेंगे। आठ सप्ताह से कम उम्र के पिल्ले ऐसी डाग शाप से विक्रय नहीं किये जा सकेंगे तथा छह माह से अधिक आयु के पिल्ले उचित टीकाकरण द्वारा विसंक्रमित किये नहीं बेचा जा सकेगा। इसके अलावा तुरन्त विक्रय के लिये पिल्लों का सार्वजनिक स्थानों पर प्रदर्शन नहीं किया जायेगा।
श्वान प्रजनक के लिये अनिवार्य होगा कि वह लायसेंसधारी डाग शाप को ही अपने पिल्ले बेचे। प्रजनक और डाग शाप संचालक को कुत्तों एवं उसके पिल्लों के लिये स्वास्थ्यवर्धक सुविधायें रखनी होगी। एक ही गौत्र वाले श्वानों का प्रजनन हेतु संसर्ग नहीं कराया जा सकेगा तथा मादा श्वान से आठ वर्ष की आयु के उपरान्त संसर्ग नहीं कराया जायेगा।
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