क्राइम में लिप्त होने, अवैध रेत उत्खनन की अनदेखी, दो पुलिस अफसरों को CRS

मध्य प्रदेश की राज्य पुलिस सेवा के अनिल मिश्रा और टीआई कृष्ण कुमार वर्मा को अपराधिक प्रकरणों में लिप्त होने तथा अवैध रेत उत्खनन में सहभागी बनने का दोषी पाए जाने पर सरकारी सेवा से अनिवार्य सेवानिवृत्त (सीआरएस) कर दिया गया है। दोनों पुलिस अफसरों को सीआरएस राज्य शासन की भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कार्रवाई की गई। आपको बता रहे हैं मिश्रा और वर्मा के खिलाफ क्या-क्या हैं आरोप।

मध्य प्रदेश पुलिस में राज्य पुलिस सेवा के 1995 बैच के अधिकारी अनिल कुमार मिश्रा के खिलाफ लंबे समय से अपराधिक प्रकरण थे और वे काफी समय सेवा से गायब भी रहे। मिश्रा के खिलाफ जयपुर की एक महिला ने उत्पीड़न के आरोप लगाए थे जिसमें एफआईआर भी हुई थी। साथ ही उनके खिलाफ इंदौर की पुलिस मेस में संदिग्ध रूप से रुक कर कदाचरठण और संदिग्ध आचरण करने के आरोप भी थे। उनके खिलाफ भोपाल सहित गाजियाबाद और जयपुर में अपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। मिश्रा की तलाश में राजस्थान पुलिस ने भी कई बार प्रयास किए और इन आरोपों के चलते उनकी सेवावृद्धि भी लटकी रही। इस रिकॉर्ड के आधार पर राज्य शासन ने उन्हें 50 साल की उम्र और 20 की सेवा के नियमों के तहत अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी है।
अवैध रेत उत्खनन की अनदेखी
वहीं, मध्य प्रदेश पुलिस के एक निरीक्षक कृष्ण कुमार वर्मा के खिलाफ थाना सौसर में अवैध रेत उत्खनन की रोकथाम में नाकाम रहने। ओवरलोडिंग वाहनों व उत्खनन करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देशों पर भी कार्रवाई नहीं करने के आरोप थे। उनके विरुद्ध अवैध गतिविधियों में लिप्त होने तथा पुलिस की छवि को धूमिल करने की शिकायतें भी रहीं। इन तमाम शिकायतों व आरोपों के तहत सेवाकाल का मूल्यांकन करके उन्हें भी अनिवार्य सेवानिवृत्ति प्रदान कर दी गई है।

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