अनूपपुर में हाथियों के दल का उत्पाद, मकान तोड़कर अनाज आहार बनाया, खेतों में फल खाये

हाथियों के एक दल ने मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में घुसकर उत्पात मचाया। उसने कुछ लोगों के घर तोड़कर वहां रखा अनाज खा लिया तो कुछ लोगों के खेतों में घुसकर फल वाले पेड़ों पर लगे फलों को तोड़ने के लिए उन्हें उखाड़ा या खींचकर तोड़ दिया। इसके बाद यह उत्पाती हाथी दल छत्तीसगढ़ की सीमा में मरवाही के जंगल में चला गया जहां रेलवे लाइन किनारे नाले में आराम कर रहा है। पढ़िये उत्पाती हाथियों के दल की एक रिपोर्ट।

जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ राज्य के मरवाही वन परिक्षेत्र से होते हुए मप्र के अनूपपुर वनमंडल अंतर्गत वन परीक्षेत्र जैतहरी के बीट वेंकटनगर के रानीतालाब जंगल में पांच हाथियों के समूह पहुंचा। जंगल में बिताने बाद देर शाम हाथियों का दल कदमसरा गांव पहुंचा। जंगल के बीच स्थित दो घरों को निशाना बनाते हुए अपना पेट भरने बाद रात भर चलते हुए छग राज्य के वन परीक्षेत्र मरवाही अंतर्गत मेढुका के चिकनीगुम्मा जंगल के नाला में शुक्रवार से डेरा जमाए हुए हैं।
अनूपपुर प्रशासन, वन, पुलिस अमला का रतजगा
डीएफओ अनूपपुर के साथ वन अमला एवं पुलिस का अमला पूरी रात हाथियों के निगरानी में लगा हुआ रहा है। पांच हाथियों का समूह गुरुवार कि सुबह छग की सीमा पार करते हुए वन परीक्षित जैतहरी के वेंकटनगर बीट अंतर्गत रानीतालाब के ऊपर स्थित जंगल में पूरे दिन लेटे,बैठे,खड़े होकर बिताने के बाद देर शाम बांध में पानी पिया। इसके बाद हाथियों का दल अनूपपुर-वेंकटनगर मुख्य मार्ग को पार कर कदमसरा गांव में पहुंचा।

मकान तोड़े-खेतों में फल वाले पेड़ों को नुकसान
कदमसरा गांव में हाथियों के दल ने धन सिंह पिता बिरजू सिंह, कुंज बिहारी सिंह के बाड़ी, करमसेन सिंह पिता केमला सिंह की बाड़ी में लगे केला, कटहल के फलों को अपना आहार बना लिया। साथ ही गांव के राजकमल पिता जय सिंह गोड के घर की दीवार गिरा दी। उसके घर के अंदर घुसकर वहां रखे धान को आहार बना लिया। यहीं सुधार पिता जय सिंह गोड के कच्चे मकान में धान रखने का कुठला को घर की दीवार गिराकर उस धान को आहार बना लिया।

छत्तीसगढ़ सीमा पर रेल लाइन किनारे नाले में आराम
सीमा में लगे मरवाही वन परिक्षेत्र के टगिया महुआ झिरनापोड़ी होते हुए देर रात छत्तीसगढ़ राज्य के ही पडखुरी, भसखुरा से वेंकटनगर-गौरेला मुख्य मार्ग को पार करते हुए भसखुरा में रेलवे लाइन के किनारे होकर मरवाही वन परिक्षेत्र के बीट मेढुका के चिकनीगुम्मा जंगल के नाला कक्ष क्र,1951 में शुक्रवार की सुबह से आराम कर रहे हैं। हाथियों के विचरण की सूचना पर अनूपपुर वन मंडला अधिकारी एसके प्रजापति,एसडीएम जैतहरी अंजलि द्विवेदी सीईओ जनपद पंचायत जैतहरी बी,एम,मिश्रा जैतहरी थाना एवं वेंकटनगर का पुलिस दल वन परीक्षेत्र जैतहरी के वन परीक्षेत्र अधिकारी विवेक मिश्रा सभी परीक्षेत्र सहायक के साथ वन अमला,पर्यावरणविद संजय पयासी, वन्यजीव संरक्षक शशिधर अग्रवाल,ग्राम पंचायत कदमसरा सरपंच दिव्यांशु सिंह पूरे समय उपस्थित रहे। इसके पूर्व वन विभाग के द्वारा हाथी विचरण के संभावित क्षेत्रों में मुनादी कराकर आमजनों को सतर्कता बरतने की अपील की गई रही, जिससे किसी भी तरह की जनहानि-जन घायल की स्थिति निर्मित नहीं हो सकी।
हाथियों के दल से नुकसान का आकलन शुरू
वन विभाग एवं जिला प्रशासन के अमले ने ग्रामीणों के घरों में हाथियों के द्वारा तोड़-फोड़ एवं नुकसान का आंकलन कर क्षतिपूर्ति राशि हेतु प्रकरण तैयार किया जा रहा है। हाथियों का समूह पूरी रात चलने बाद वन क्षेत्र मरवाही के मेढुका बीट अंतर्गत चिकनीगुम्मा के कक्ष क्रमांक पीएफ 1951 के नाले में डेरा जमाए हुए हैं जो मध्य प्रदेश की सीमा के नजदीक बीट पौड़ी के कपरिया गांव से लगे होने के कारण वन विभाग का अमला निगरानी कर रहा है।

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