मध्यप्रदेश सरकार अब नगरीय निकाय और पंचायत विभागों के स्कूलों के अध्यापकों के खिलाफ सख्त होती जा रही है। सरकार की नाराजगी इसलिए है क्योंकि अध्यापकों ने छठवें वेतनमान को लेते समय वादा किया था कि उन्होंने इसके किश्तों में भुगतान पर सहमति दी थी लेकिन अब एकमुश्त भुगतान की मांग पर अड़े हैं। गुरुवार को अध्यापकों के नेताओं की गिरफ्तारी के बाद राजधानी सहित पूरे प्रदेश में अध्यापकों को रैली निकालने से रोकने के लिए गिरफ्तार किया गया। साथ ही निलंबन की कार्रवाई भी जिलास्तर पर की गई।
आजाद अध्यापक संघ के आह्वान पर नगरीय निकाय और पंचायतों द्वारा संचालित स्कूलों के अध्यापकों का चरणबद्ध आंदोलन चल रहा था। आज इनकी राजधानी में रैली थी जिसमें शामिल लोगों को सीएम हाउस का घेराव करना था लेकिन सरकार उनकी छठवें वेतनमान के एकमुश्त भुगतान तथा स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन की मांगों को लेकर सख्त है। सरकार बजट नहीं होने के आधार पर छठवें वेतनमान के एकमुश्त भुगतान को लेकर बेहद नाराज है। इसी कारण गुरुवार को सरकार ने संघ के पदाधिकारियों व अन्य नेताओं को भोपाल में चर्चा के लिए बुलाकर वार्ता विफल होने पर गिरफ्तार करा दिया था।
आज भोपाल में रैली के लिए अध्यापक जगह-जगह से यहां के लिए रवाना हुए थे लेकिन जिलों की पुलिस व प्रशासन ने रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड के साथ ही नाकों पर पहरा दे रखा था। अध्यापक जहां भी दिखाई दिए वहां पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। भोपाल के आसपास सीहोर, विदिशा, रायसेन, हरदा, बैतूल, होशंगाबाद में ज्यादा गिरफ्तारियां हुईं। इसके बाद भी भोपाल में सैकड़ों की तादाद में अध्यापक बैरागढ़ और लालघाटी तक पहुंच गए। इन लोगों ने राष्ट्र ध्वज तिरंगा लेकर रैली निकालने का प्रयास भी किया लेकिन सभी गिरफ्तार कर लिए गए।
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