-
दुनिया
-
बागेश्वर सरकार की ज़िंदगी पर शोध करने पहुची न्यूजीलैंड के विश्वविद्यालय की टीम
-
Rahul Gandhi ने सीजफायर को BJP-RSS की सरेंडर की परंपरा बताया, कहा Modi करते हैं Trump की जी हुजूरी
-
ऑपरेशन सिंदूर ने बताया आतंकवादियों का छद्म युद्ध, प्रॉक्सी वॉर नहीं चलेगा, गोली चलाई जाएगी तो गोले चलाकर देंगे जवाब
-
मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेस-वे पर कामलीला, नेताजी की महिला शिक्षक मित्र संग आशिकी का वीडियो वायरल
-
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा आंबेडकर संविधान जलाना चाहते थे, मनुस्मृति को तो गंगाधर सहस्त्रबुद्धे ने जलाया
-
देवास DFO मिश्रा का 18 गोंद कारोबारियों को नियम विरुद्ध लाइसेंस का आरोप पत्र पर HQ में डंप

- बुरहानपुर में गोंद का कारोबार करने वाले 18 व्यापारियों को जैव विविधता एक्ट और पेसा एक्ट के प्रावधानों को धता बताते हुए लाइसेंस जारी करना देवास डीएफओ प्रदीप मिश्रा को महंगा पड़ सकता है. उनके इस कृत्य के चलते खंडवा के तत्कालीन सीसीएफ आरपी राय ने डीएफओ का आरोप पत्र बनाकर राज्य शासन और प्रधान मुख्य वन संरक्षक मुख्यालय को भेज दिया है. मुख्यालय में ‘बड़े बाबू’ ने मिश्रा के आरोप पत्र को लालफीताशाही के हवाले कर दिया है यही कारण है कि एक महीने से ज्यादा का समय बीत गया पर अभी तक मिश्रा को आरोप पत्र नहीं मिल पाया है. जांच प्रतिवेदन में गोंद के एक कारोबारी के हवाले से कहा गया है कि 60-60 हजार रुपए लेकर लाइसेंस दिए गए है.
- नियम विरुद्ध व्यापारियों को गोंद का कारोबार का लाइसेंस देने वाले देवास डीएफओ प्रदीप मिश्रा तब बुरहानपुर में पदस्थ थे. वन विभाग ने अतिक्रमणकारियों द्वारा बड़ी मात्रा में सिलाई और धावड़ा वृक्षों की कटाई कर अतिक्रमण करने और सलई और धावड़ा वृक्षों में रासायनिक प्रयोग कर गोंद के बड़े पैमाने पर अवैध कारोबार को बढ़ावा देने के कारण डीएफओ प्रदीप मिश्रा को बुरहानपुर वनमंडल से हटा कर देवास पदस्थ कर दिया गया . विभाग में चर्चा यह भी है कि देवास वनमंडल में अपनी पदस्थापना मैनेजमेंट कोटा से कराई है. वैसे जंगल महकमे में देवास वन मंडल में पदस्थापना प्राइम पोस्टिंग मानी जाती है. गौरतलब यह है कि बुरहानपुर के तत्कालीन डीएफओ प्रदीप मिश्रा ने मध्य प्रदेश वनोपज ( जैव विविधता का संरक्षण और पोषणीय की कटाई ) नियम 2005 के अंतर्गत सलई एवं हावड़ा गोंद के संग्रह एवं निस्तारण पर लगाए गए प्रतिबंध को खोलकर व्यापारियों को लाइसेंस देकर उपकृत किया. मिश्रा ने यह कार्रवाई भी 31 जनवरी 23 को डीएफओ गिरजेश बरकड़े को प्रभार देने से पहले सात-आठ दिनों में किया.
क्या है जांच प्रतिवेदन में
देवास के वर्तमान डीएफओ और तत्कालीन बुरहानपुर के डीएफओ प्रदीप मिश्रा के खिलाफ हुई जांच प्रतिवेदन में कई दिलचस्प सत्य प्रकाश में आए हैं. इनमें प्रमुख तथ्यों की बानगी इस प्रकार है. - 6 व्यापारियों के आवेदन एवं दस्तावेजों की जांच प्रक्रिया सिर्फ एक ही दिन में ही खत्म कर व्यापारियों के साथ अनुबंध कर उन्हें गोंद निकालने की अनुमति दे दी गई.
- 6 व्यापारियों को जैव संसाधन की अनुमानित मात्रा से अधिक मात्रा की प्राप्ति एवं व्यवसायिक उपयोग अनुज्ञा प्रदान कर दी गई.
- 9 व्यापारियों से अनुबंध कर प्रमाण पत्र जारी करने से पहले लाभांश राशि जैव विविधता निधि के खाते में जमा नहीं कराया. यही नहीं, बल्कि लाभांश की गणना भी नहीं कराई गई.
- प्रदीप वारुडे ( जय भोले कम्युनिकेशंस ) द्वारा प्रस्तुत आवेदन पूरी तरह से खाली थी फिर भी उस आवेदन को स्वीकार कर आवेदक व्यापारी के साथ अनुबंध कर जैव संसाधन (सलई और धावड़ा गोंद) का कारोबार करने की अनुमति दे दी.
- अब्दुल लतीफ पिता अब्दुल खालिक के विरुद्ध वन अपराध (प्रकरण क्रमांक 5212 / 04/ 2917) दर्ज होने के बाद भी अनुज्ञा पत्र जारी कर दी.
- प्रदीप चोकसे को तो गोंद के साथ-साथ अचार-गुठली संग रहने की अनुमति भी बिना प्रक्रिया के दे दी गई.
इनका कहना
“मुझे अभी तक आरोपपत्र नहीं मिला है. मैंने जो भी अनुमति दी है, वह सभी में नियम-प्रक्रियाओं का पालन किया गया है. आरोप पत्र मिलने के बाद मैं अपना जवाब दे दूंगा.”
प्रदीप मिश्रा, डीएफओ देवास
Posted in: bhopal news, Uncategorized, देश, मध्य प्रदेश, मेरा मध्य प्रदेश
Tags: bhopa news, bhopal, bhopal breaking news, bhopal hindi news, bhopal khabar, bhopal khabar samachar, bhopal latest news, bhopal madhya pradesh, bhopal madhya pradesh india, bhopal madhyya pradesh india, bhopal mp, bhopal mp india, bhopal news, Bhopal news headlines, bhopal news hindi, bhopal news in hindi, bhopal news online, bhopal samachar, bhopal today, bhopal viral news, bhopalnews, breaking news, hindi breaking news, MP Breaking news, MP NewsMP Breaking news
Leave a Reply