आखिरकार सरकार ने 90 डिग्री वाले मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के अनोखे ऐशबाग रेलवे ओवरब्रिज को लेकर लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों की बड़ी चूक माना और यही नहीं आरओबी को बनाने वाली निर्माण कंपनी-डिजाइन कंसलटेंट को ब्लैक लिस्ट भी कर दिया है। इस आरओबी की मॉनीटरिंग क्षेत्रीय विधायक और मंत्री जो इंजीनियर भी हैं, विश्वास सारंग कर रहे थे और कई बार स्थल निरीक्षण करने, बैठकें लेने के बाद भी वे इस तकनीकी खामी को नहीं पकड़ सके। पढ़िये रिपोर्ट।
भोपाल के नरेला और भोपाल मध्य विधानसभा के लोगों के लिए सीधे लाभ पहुंचाने के लिए ऐशबाग रेलवे ओवरब्रिज का काम 2023 में शुरू हुआ था जिसे अक्टूबर 2024 तक तैयार करने का लक्ष्य था। इस आरओबी के बनाए जाने के पीछे सबसे बड़ा कारण था कि बरखेड़ी फाटक को बंद कर दिया जाना। इस फाटक के बंद होने के बाद ऐशबाग, महामाई का बाग, पुष्पा नगर, नवीन नगर, मुख्य रेलवे स्टेशन, बरखेड़ी, जिंसी, जहांगीराबाद, पुल बोगदा के लोगों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ता था। करीब 648 मीटर लंबे और साढ़े आठ मीटर चौड़े इस आरओबी की लागत 18 करोड़ रुपए आंकी गई थी। मगर जब पिछले दिनों इसकी तस्वीरें सामने आईं तो ब्रिज 90 डिग्री का नजर आया और उसको लेकर हल्ला मचा। सोशल मीडिया पर यह जबरदस्त ट्रेंड भी हुआ जिससे मध्य प्रदेश के लोक निर्माण विभाग की अनोखी कृति के रूप में इसका प्रचार हुआ और प्रदेश की छवि खराब हुई।
मंत्री सारंग की ब्रिज की मॉनीटरिंग पर सवाल
ऐशबाग रेलवे ओवरब्रिज का काम क्षेत्रीय विधायक और मंत्री विश्वास सारंग ने अपनी देखरेख में तेजी से कराना शुरू किया था। वे कई बार स्थल निरीक्षण करने भी पहुंचे थे और इंजीनियरों व अधिकारियों की बैठकें भी लेते रहे। स्थल निरीक्षण के दौरान ऐशबाग-बरखेड़ी पर जहां ब्रिज का मोड़ था, उसकी तरफ ध्यान नहीं दिया गया जिसका परिणाम 90 डिग्री के अनोखे रेलवे ओवरब्रिज के रूप में ऐशबाग आरओबी का प्रचार हुआ। मगर इसके बाद भी मंत्री सारंग ने स्थल निरीक्षण किया और तब भी पुल की डिजाइन पर बात करने के बजाय जल्द काम पूरा करने पर जोर दिया गया। डिजाइन में सुधार को लेकर बात तो हुई मगर इंजीनियरों व निर्माण कंपनी-डिजाइन कंसलटेंट से सवाल जवाब नहीं किए।
सीएम का बड़ा एक्शन
शनिवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों की गलती स्वीकारते हुए बड़ा एक्शन लिया। सात इंजीनियरों को निलंबित कर दिया है जिनमें दो मुख्य अभियंता जीपी वर्मा और संजय खांडे, दो कार्यपालन यंत्री जावेद शकील और श्रीमती शबाना रज्जाक (डिजाइन), एक सहायक यंत्री शानुल सक्सेना (डिजाइन), अनुभागीय अधिकारी रवि शुक्ला तथा उपयंत्री उमाशंकर मिश्रा शामिल हैं। वहीं, एक सेवानिवृत्त अधीक्षण यंत्री एमपी सिंह के विरुद्ध विभागीय जांच प्रारंभ करने का अपना निर्णय बताया। इसी के साथ आरओबी का त्रुटिपूर्ण डिज़ाइन प्रस्तुत करने पर निर्माण एजेंसी एवं डिज़ाइन कंसल्टेंट दोनों को ब्लैकलिस्ट कर दिया है।
पूर्व में भी डिजाइन बदली गई
ऐशबाग रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन करीब नौ महीने पहले भी बदली गई जब इसका निर्माण मेट्रो रूट के हिस्से में कर दिया गया था। तब आरओबी की चौड़ाई 1 मीटर कम करने की बात सामने आई थी और रेलवे ट्रैक की ओर उतनी ही चौड़ाई बढ़ाने का कहा गया था। तब भी मंत्री सारंग ने मेट्रो, पीडब्ल्यूडी और रेलवे के अफसरों की बैठक बुलाई थी जिसमें इंजीनियरों व अधिकारियों ने तकनीकी खामियों के बारे में बताया था।
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