मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में बाजी मारने के लिए भाजपा-कांग्रेस दोनों ने ही कमर कस ली है। कांग्रेस ने जहां इस बार राहुल गांधी के बजाय प्रियंका गांधी से चुनावी शंखनाद किया है तो वहीं भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी-गृह मंत्री अमित शाह की ताकत झोंकने की रणनीति पर चल पड़ी है। चुनाव के ऐलान के पहले जिस तरह मीडिया में सर्वे की चर्चाएं हैं, उससे सत्तारूढ़ भाजपा की सांस अटकी है तो कांग्रेस जनता के कथित बदलाव के मूड पर अपनी तैयारियों में जुटी है। आईए पढ़िये इसी पर एक विशेष रिपोर्ट।
मध्य प्रदेश में कुछ महीने में ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं जिनके लिए निर्वाचन आयोग सितंबर-अक्टूबर में तारीखों का ऐलान कर सकता है। मगर चुनाव आयोग की तारीखों की घोषणा का इंतजार किए बिना इस बार विधानसभा चुनाव के लिए सत्तारूढ़ भाजपा और पिछली बार सत्ता मिलने व कुछ महीनों में ही कुर्सी गंवाने वाली कांग्रेस पूरी ताकत के साथ मैदान में उतरने की तैयारी कर चुके हैं। कांग्रेस तीन साल पहले के जख्मों को भुला नहीं पाई है और इस बार सरकार बनाने के अपने इरादे के साथ भाजपा के संगठन में सेंधमारी कर रही है। भाजपा, तीन साल पहले कांग्रेस से अपने यहां आए वरिष्ठ नेताओं की वजह से संगठन में पैदा हुए असंतुलन की दरार को अब तक पाट नहीं पा रही है और यही वजह से पार्टी के शीर्ष केंद्रीय नेतृत्व को ताकत लगाना पड़ रही है।
कांग्रेस ने नर्मदा मैया की पूजा-अर्चन कर शंखनाद किया
कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के लिए नर्मदा नदी की पूजा अर्चना करते हुए चुनावी शंखनाद किया है। इस बार कांग्रेस ने 2018 में कांग्रेस अध्यक्ष की हैसियत से मध्य प्रदेश में चुनावी शंखनाद करने वाले राहुल गांधी की जगह प्रियंका गांधी से इसकी शुरुआत कराई है। भाजपा के हिंदू कार्ड को टक्कर देने के लिए मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने नर्मदा नदी, हनुमानजी के सहारे आगे बढ़ना की रणनीति अख्तियार की है। इस कड़ी में आदिपुरुष फिल्म में हिंदू देवी-देवताओं हनुमानजी, राम-सीता के अपमान का मुद्दा उठाया है। इसी रणनीति के तहत पिछले दिनों प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में साधु-संतों का आयोजन कर भगवा रंग में पार्टी दफ्तर डूब गया था।
भाजपा के मोदी-शाह प्रदेश में उतरे
वहीं, सत्तारूढ़ भाजपा संगठन में कुछ समय से चुनाव पूर्व सर्वे की मीडिया रिपोर्टों से चिंता की लकीरें नजर आ रही हैं जिसकी छाया केंद्रीय शीर्ष नेतृत्व का पूरा फोकस यहां नजर आने लगा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक के बाद एक दौरे हो रहे हैं तो गृह मंत्री अमित शाह भी मध्य प्रदेश में गाहे-ब-गाहे डेरा डालते रहे हैं। राज्य सरकार को भी अपनी लाड़ली लक्ष्मी योजना के बाद लाड़ली बहना योजना के ट्रंप कार्ड को कांग्रेस की नारी सम्मान योजना से खतरे का अहसास होने पर उसकी राशि 1000 से बढ़ाकर 3000 रुपए तक करने का ऐलान किया तो किसानों की सम्मान निधि में भी इसी तरह वृद्धि का ऐलान किया व कर्ज माफी की बातें की जाने लगी हैं।
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