मध्य प्रदेश में उच्च शिक्षा जैसे विभाग में अनुशासनहीनता का एक बड़ा उदाहरण सामने आया है जिसमें भोपाल में कन्याओं के एमएलबी कॉलेज जैसे प्रिंसिपल के प्रभार पर एक प्राध्यापक को लेकर दो वरिष्ठ कार्यालयों के विरोधाभासी आदेश हुए हैं। एक कॉलेज के प्रभारी प्रिंसिपल ने दूसरे कॉलेज के प्रिंसिपल के रिटायरमेंट के बाद जबरिया प्रभार ले लिया और जब उनसे क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक कार्यालय ने नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण पूछा तो उनका जवाब आने के पहले ही कमिश्नर उच्च शिक्षा कार्यालय से उनके प्रभार के आदेश जारी कर दिए गए। आईए आपको बताएं कौन हैं यह प्राध्यापक और किस वजह से उन्हें संबंधित कॉलेज में प्रिंसिपल बनने की चाह है।
भोपाल का कन्याओं का सबसे पुराना एमएलबी कॉलेज एकबार फिर प्रिंसिपल के चार्ज को लेकर विवाद की सुर्खियां बटोर रहा है। यहां नवीन कॉलेज के प्रभारी प्रिंसिपल डॉ. मुकेश दीक्षित ने 28 फरवरी को डॉ. ममता चंसोरिया के वीआरएस लेने के बाद प्रभार ले लिया था। जबकि तब तक उनकी एमएलबी कॉलेज में प्रिंसिपल के रूप में पदस्थापना नहीं हुई थी और वीआरएस लेने वाली चंसोरिया ने अपना प्रभार वरिष्ठ प्राध्यापक प्रवीण तामोट को दे दिया था। इसके बाद भी दीक्षित ने एमएलबी कॉलेज प्रिंसिपल का प्रभार लेते हुए क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक कार्यालय से आहरण के अधिकार मांगने का पत्र लिख दिया।
नोटिस जारी होने के 10 दिन तक जवाब नहीं भोपाल-नर्मदापुरम क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक कार्यालय ने मुकेश दीक्षित को छह मार्च को एमएलबी कॉलेज प्रिंसिपल का प्रभार लेने पर नोटिस जारी करते हुए उनसे स्पष्टीकरण पूछा था कि उन्होंने नवीन कॉलेज के प्रभारी प्रिंसिपल होते हुए एमएलबी कॉलेज के प्रभारी प्रिंसिपल का चार्ज कैसे लिया क्या इस संबंध में उनके पास कोई आदेश है या उन्हें इसकी किसी वरिष्ठ कार्यालय से अनुमति ली है तो वे इस पर दस दिन तक चुप्पी साधे रहे। आज जब उनके जबरिया प्रभार लेने की खबरें प्रकाशित हुईं तो उनके एमएलबी कॉलेज के प्रभारी प्रिंसिपल के आदेश जारी हुए।
दीक्षित के उत्पीड़न की शिकाय नहीं थी, प्रभार का आदेश कमिश्नर कार्यालय से आया भोपाल-नर्मदापुरम के क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक डॉ. मथुरा प्रसाद ने खबर सबकी से चर्चा करते हुए बताया कि उन्हें अब तक छह मार्च को उनके द्वारा डॉ. मुकेश दीक्षित को जारी नोटिस का जवाब नहीं मिला है। एमएलबी कॉलेज प्रभारी प्रिंसिपल के रूप में दीक्षित का आदेश कमिश्नर उच्च शिक्षा कार्यालय से आया था। जब उनसे पूछा गया कि क्या दीक्षित के खिलाफ 2013 में एमएलबी कॉलेज में ही महिला प्राध्यापक के साथ कोई उत्पीड़न की शिकायत हुई थी तो उन्होंने कहा कि ऐसा कोई रिकॉर्ड उनके कार्यालय में नहीं रहता। ऐसी शिकायत हुई भी होगी तो कमिश्नर कार्यालय में रिकॉर्ड होगा। यहां उल्लेखनीय है कि डॉ. दीक्षित एमएलबी में 2013 में भी थे, तब महिला प्राध्यापक ने प्रिंसिपल से लेकर उच्च शिक्षा मंत्री तक को उत्पीड़न की शिकायत की थी और वे यहां से हटा दिए गए थे। इसके बाद वे फिर 2022 के पहले पहुंचे थे और वहां प्रभारी प्रिंसिपल थे तो ममता चंसोरिया की पदस्थापना हो जाने के बाद भी उन्होंने कई दिन तक उन्हें प्रभार नहीं दिया था। वे कॉलेज में प्रभार लेने गईं थीं तो उन्होंने उन्हें वापस लौटा दिया था।
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