आंगनवाड़ी केंद्रों में बंटने वाला पूरक पोषण आहार फिर से कानूनी पेंच में फंस गया है। हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने एक स्वयंसेवी संस्था की याचिका पर सरकार को यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। उधर, सरकार भी पोषण आहार को लेकर अंतिम फैसला नहीं ले पा रही है। नई व्यवस्था में भी लगातार संशोधन होने से महिला स्व-सहायता समूहों से उत्पादन कराने में देरी की आशंका है। इसका फायदा वर्तमान में पोषण आहार सप्लाई कर रहे ठेकेदारों को होगा।
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