Category Archives: देश

CG में पदस्थापना नींद उड़ी MP के अफसरों कीः सात सीनियर अफसर नजरअंदाज APCCF को बनाया वन बल प्रमुख

मध्य प्रदेश से अलग हुए छत्तीसगढ़ के जंगल में एक अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक की प्रभारी वन बल प्रमुख के पद पर पदस्थापना से छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के आईएफएस अफसरों के आंखों की नींद उड़ गई है। दोनों राज्यों के जंगल महकमे के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि वन बल प्रमुख के सेवानिवृत्त होने पर किसी एपीसीसीएफ को विभाग के मुखिया का प्रभार दिया गया हो। छत्तीसगढ़ में 7 सीनियर पीसीसीएफ स्तर के अफसरों को सुपरशीट करते हुए एपीसीसीएफ श्रीनिवास राव को वन बल प्रमुख की कुर्सी पर बैठा दिया गया है। छत्तीसगढ़ में हुई पदस्थापना को लेकर मध्यप्रदेश में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है कि क्या यहां भी वन बल प्रमुख की पदस्थापना में बदलाव हो सकता है?

बैंक के चपरासी की KCC लोन स्वीकृत कराने की गारंटी, रिश्वत लेते लोकायुक्त पुलिस ने पकड़ा

किसान क्रेडिट कार्ड पर लोन दिलाने की एक राष्ट्रीयकृत बैंक के चपरासी ने किसान को गारंटी दी लेकिन उसके बदले में रिश्वत की मांग की। इसको लेकर किसान ने लोकायुक्त पुलिस में शिकायत करके बैंक के चपरासी को रंगेहाथों गिरफ्तार कराया।

जयस का नया संयुक्त जयस संगठन, चुनाव पूर्व जयस की टूट को रोकने की पहल

मध्य प्रदेश में आदिवासी युवाओं के जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) के विधानसभा चुनाव के पहले टूटने की संभावनाओं को संगठन के पदाधिकारियों ने पहल कर रोकने की कोशिश की है। इसके लिए संगठन से जुड़े कई पदाधिकारियों की पहल पर धार के धामनोद ने एक गोपनीय बैठक हुई जिसमें 15 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा कर संयुक्त जयस संगठन को खड़ा किया गया। अब विधानसभा चुनाव 2023 में यह संगठन एकबार फिर विधानसभा चुनाव 2018 की तरह अपनी ताकत के सहारे राजनीतिक दलों के लिए आदिवासियों के हितों पर ध्यान देने का दबाव बनाएगा जो कुछ समय पहले तक इसके टूटने के आसार दिखाई देने से कमजोर दिखाई रहा था। आईए बताते हैं क्या हुआ गोपनीय बैठक में और कौन कौन महत्वपूर्ण आदिवासी युवा इसमें शामिल हुए।

MP के एक पूर्व और एक मौजूदा IPS पर फिर लटकी जांच की तलवार, जानें कौन हैं ये अधिकारी

मध्य प्रदेश सरकार ने एक पूर्व आईपीएस और एक मौजूदा वरिष्ठतम आईपीएस अधिकारी के खिलाफ फिर जांच शुरू कर दी है। इनमें से एक अधिकारी के खिलाफ सरकार एफआईआर दर्ज करने तक की तैयारी कर चुकी थी तो दूसरे अफसर को अदालत से राहत मिलने के बाद जांच में घेराबंदी शुरू की गई है। जानिये ये कौन हैं अफसर और क्या हैं इनके खिलाफ मामले।

महामंडलेश्वर उत्तम स्वामी महाराज ने पहुंचे महाकाल के दरबार, शिष्यगणों के साथ किए दर्शन

भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में शनिवार को महामंडलेश्वर उत्तम स्वामीजी महाराज और उनके शिष्य गण महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे। वहां उन्होंने अपने शिष्यगणों के साथ भगवान महाकाल के दर्शन किए।

गोदाम संचालक से फ़ूड कारपोरेशन के कर्मचारियों ने मांगी रिश्वत, CBI ने पकड़ा

भोपाल में फ़ूड कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया के दो कर्मचारियों को सीबीआई ने गोदाम संचालक से रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है. इन दोनों के खिलाफ सीबीआई ने प्रकरण बनाकर उनके ऑफिस और निवास पर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है.

यादों के झरोखे: ऑपरेशन ब्लू स्टार में बादल को पचमढ़ी में नजरबंद किया गया था

पंजाब के जाने-माने राजनेता प्रकाश सिंह बादल का कल निधन हो गया उनकी मध्यप्रदेश से जुड़ी कुछ यादों को हमारे साथ भोपाल के डॉक्टर आलोक गुप्ता ने शेयर किया है. बादल यहां क्यों आए थे और किस कारण उन्हें यहां लाया गया था जानिए इस रिपोर्ट में.

पंजाब में ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान वहां के कई नेताओं को नजरबंद किया गया था जिनमें प्रकाश सिंह बादल भी शामिल थे. उन्हें पंजाब या देश के अन्य किसी राज्य में नहीं बल्कि मध्यप्रदेश में नजरबंद किया गया था. उनके साथ मध्यप्रदेश में सुरजीत सिंह बरनाला को भी नजर बंद करने के लिए लाया गया था. इन दोनों नेताओं को मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थल पचमढ़ी में रखा गया था जिनकी चिकित्सक की देखरेख के लिए भोपाल के डॉक्टर आलोक गुप्ता की ड्यूटी लगी थीथी.

डॉ गुप्ता विशेष वाहन से पचमढ़ी गए थे

बहुत कम लोगों को यह जानकारी है कि अमृतसर में जून 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार उपरान्त पंजाब की राजनीति के शिखर पुरुष प्रकाश सिंह बादल एवम सुरजीत सिंह बरनाला को मध्यप्रदेश के एकमात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी में कढ़े सुरक्षा प्रबन्ध में नज़रबन्द रखा गया था। यही नहीं, उन दोनों के मेडिकल परीक्षण हेतु भोपाल से गांधी मेडिकल कॉलेज व हमीदिया अस्पताल में कार्यरत डॉ आलोक गुप्ता को विशेष आदेश व वाहन द्वारा भेजा गया था।

दो करोड़ की गाड़ी लेकर भी चला नहीं पा रहे ‘उज्जवल’, RTO में नौ महीने बाद भी रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ

मध्य प्रदेश के परिवहन विभाग में सही काम के लिए आम नागरिक किस तरह परेशान होता है, यह इंदौर में देखने को मिला है। एक व्यक्ति ने नौ महीने पहले दो करोड़ की गाड़ी ली और आरटीओ में सभी कागजात जमा किए मगर आज तक रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाने से दो करोड़ की गाड़ी खड़ी है। पढ़िये किस व्यक्ति के साथ यह हुआ और रजिस्ट्रेशन नहीं होने से वे किस तरह बैंक के नोटिस से परेशान हैं।

वन विभाग में चुनाव पूर्व प्रशासनिक सर्जरी होगी, APCCF मनोज अग्रवाल की मुख्यालय में वापसी संभव

मध्य प्रदेश में चुनाव पूर्व आईएएस-आईपीएस अधिकारियों की प्रशासनिक सर्जरी के बाद अब आईएफएस अफसरों की नई पदस्थापनाएं होने की कवायद चल रही है। लगभग 2 दर्जन से अधिक आईएफएस अधिकारियों इससे प्रभावित हो सकते हैं। लंबे अरसे से प्रभार में चल रहे सर्किल शिवपुरी, छिंदवाड़ा और ग्वालियर में नई पदस्थापना होने जा रही हैं। पदेन वन संरक्षक पद पर लंबे समय से काम कर रहे उज्जैन में पदस्थ अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक मनोज अग्रवाल की मुख्यालय में वापसी होने के संकेत हैं। अग्रवाल की पदस्थापना कैडर विरुद्ध यह कहते हुए की गई थी कि मुख्य वन संरक्षक स्तर के अधिकारी नहीं है। आज भी स्थिति वैसी है किंतु अब सीसीएफ की जगह पर वन संरक्षक की पदस्थापना सर्किल में होने लगी है। गौरतलब यह है कि मुख्यालय में एपीसीसीएफ के कई पद रिक्त पड़े हैं।

PWD अंधेर नगरीः रिश्वत के मामले में फंसे अफसर को संविदा नियुक्ति तो सालों सस्पेंड अफसरों के हाथ में करोड़ों के टेंडर

मध्य प्रदेश का लोक निर्माण विभाग अंधेर नगरी बना हुआ है। विभाग में भ्रष्टाचारों में फंसे अफसरों को करोड़ों रुपए के टेंडर की जिम्मेदारी सौंप दी गई है तो लोकायुक्त केस में फंसे एक अधिकारी को संविदा नियुक्ति दे दी गई है। जानिये कौन हैं ये अधिकारी और क्या रहे हैं उन पर आरोप।

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