मध्य प्रदेश कांग्रेस के 2003 से सरकार में नहीं होने की वजह से धीरे-धीरे कुनबा घट रहा है जो विधानसभा चुनाव 2023 में मिली करारी हार के बाद तेजी से घटा है। सुरेश पचौरी के अपने समर्थकों के साथ जाने के बाद अब कमलनाथ खुद जाते-जाते रुक गए मगर उनके समर्थक भाजपा का दामन थाम रहे हैं और उनके गृह नगर की उनकी टीम के बड़े-बड़े नाम साथ छोड़ चुके हैं। वहीं, प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के गृह जिले में भी कमोबेश यही स्थिति है। हमारे लिए वरिष्ठ पत्रकार रवींद्र कैलासिया की रिपोर्ट।
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