Category Archives: आपकी आवाज, हमारी कलम

मंत्रियों के आचरण पर उठते सवाल, कभी राज्यवर्धन तो कभी प्रद्युमन सिंह और कभी सिसौदिया घिरे

मध्य प्रदेश सरकार के कई मंत्रियों का आचरण इन दिनों उनके पद की गरिमा के अनुकूल नहीं है। इस मामले में कांग्रेस से भाजपा में पहुंचकर सरकार में मंत्री बने नेताओं का आचरण सबसे ज्यादा सवालों के घेरे में आया है। प्रद्युमन सिंह तोमर, महेंद्र सिंह सिसौदिया, बिसाहूलाल सिंह, उषा ठाकुर जैसे मंत्रियों के नाम इसमें सबसे ज्यादा चर्चा में रहे हैं लेकिन हाल में राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव के खिलाफ जिस एक महिला का वीडियो वायरल हुआ है, वह सबसे ज्यादा खेदजनक है। अब देखना यह है कि चुनाव के पहले शिवराज सिंह चौहान अपने मंत्रिमंडल के फेरबदल में ऐसे आचरण के नेताओं को साथ रखते हैं या छंटनी करते हैं।

मंत्री मेरे पैर छू लेंगे….राजा साहब (अपशब्द)….महिला के वायरल वीडियो में नेताजी पर अभद्र टिप्पणी

एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसे मालवा के एक मंत्री से संबंधित बताया जा रहा है। इसमें एक महिला द्वारा दो लोगों को मंत्रीजी के लिए अपशब्द का इस्तेमाल करते हुए राजा साहब संबोधित किया जा रहा है। वीडियो में महिला रेपिस्ट जैसे शब्द का भी इस्तेमाल करती सुनाई दे रही है। हालांकि इस वायरल वीडियो की सत्यता की खबर सबकी पुष्टि नहीं करता है लेकिन इसको लेकर राजनीतिक गलियारों में जमकर चर्चा है।

मध्य प्रदेश में नेताओं के बिगड़े बोलों में प्रशासन टारगेट पर, विपक्ष-सत्ता पक्ष दोनों का निशाना

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव को आठ-दस महीने बचे हैं तो अब नेताओं के टारगेट पर प्रशासनिक अमला आता जा रहा है। इसमें विपक्ष दल कांग्रेस के नेता तो ठीक है, सत्ता पक्ष के नेता भी प्रशासन को टारगेट बनाकर जनता की हमदर्दी बटोरना चाह रहे हैं। प्रशासनिक अमले को काम में अड़ंगा बताकर विलेन करार दिया जाता है। हाल ही में जबलपुर, विदिशा में ऐसे दो नेताओं के वीडियो वायरल हुए हैं और कुछ समय पहले दमोह का एक वीडियो वायरल हुआ था। प्रशासनिक अमले पर नेताओं के प्रहारों के कुछ उदाहरण के साथ पेश है एक रिपोर्ट।

संकट में अपनों को कांग्रेस का नहीं मिल रहा साथ, पढ़िए अब तक हालात के मारे नेताओं पर रिपोर्ट

मध्य प्रदेश में कांग्रेस 15 साल बाद सरकार में आई और 15 महीने में चली गई। पार्टी के नेता-कार्यकर्ताओं को सत्ता से बाहर रहने के कई विपरीत परिणाम झेलने पड़े जिनके चलते कई ने हालातों से समझौता कर कांग्रेस छोड़ दी और अभी ऐसे ही कुछ लोगों को संकट में फंस जाने पर पार्टी का साथ नहीं मिला। इनमें से कुछ पार्टी छोड़कर चले गए। पेश है संकट में फंसे ऐसे कांग्रेस नेताओं पर एक रिपोर्ट।

MP के 12 CM के खिलाफ आ चुके अविश्वास प्रस्ताव, जानिये अविश्वास प्रस्तावों की तथा-कथा

मध्य प्रदेश में अब तक 18 नेता मुख्यमंत्री बन चुके हैं लेकिन इनमें से 12 सीएम के खिलाफ अब 28 अविश्वास प्रस्ताव लाए जा चुके हैं। इनमें से एक सीएम को तो पांच बार इनका सामना करना पड़ चुका है और छह ऐसे मुख्यमंत्री भी रहे हैं जिन्होंने अपना कार्यकाल विपक्ष के ब्रह्मास्त्र अविश्वास प्रस्ताव के बिना ही पूरा कर लिया। सीएम शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह तेरहवीं विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाए थे और अभी नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने इसकी सूचना दी है। आइये आपको रूबरू कराते हैंमुख्यमंत्रियों के खिलाफ आए अविश्वास की एक रिपोर्ट।

रेंजर का IFS को धमकी देने वाला ऑडियो वायरल… ऐसा उलझाउंगा कल्पना नहीं कर पाओगे!

मध्य प्रदेश के वन विभाग में आईएफएस अधिकारियों पर एक रेंजर भारी पड़ रहा है। बैतूल के रेंजर सुनील जैन का एक ऑडियो वायरल हो रहा है जिसमें वे एक आईएफएस अधिकारी सीसीएफ अनिल सिंह को धमकाते हुए सुनाई दे रहे हैं। वायरल ऑडियो में जिस आवाज को रेंजर की बताया जा रहा है, वह कह रहा है कि उसने मीना, सुबुद्धि, उचाड़िया को परेशान किया, आपको भी नहीं छोड़ूंगा। चार महीने पुराना यह ऑडियो वायरल होकर अब वन मुख्यालय और मंत्रालय के गलियारों में गूंज रहा है जिस पर एसीएस जेएन कंसोटिया ने वन बल प्रमुख आरके गुप्ता को जांच के निर्देश दिए हैं।

नौ राज्यों के विधानसभा चुनाव नजदीक, कांग्रेस का भारत जोड़ो के बाद हाथ से हाथ जोड़ो नारा

गुजरात-हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद 2023 में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, कर्नाटक, तेलंगाना, त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड व मिजोरम में चुनाव होना है लेकिन कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व की नजर लोकसभा चुनाव 2024 पर है। उसने इन गुजरात-हिमाचल प्रदेश की तरह 2023 के विधानसभा चुनावों के लिए भी अभी कोई रणनीति नहीं बनाई है लेकिन पार्टी नेतृत्व ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को कनेक्ट करते हुए दूसरी हाथ से हाथ अभियान का कार्यक्रम अवश्य बना दिया है। इससे स्पष्ट है कि उसकी नजर राज्यों के बजाय दिल्ली पर टिकी है।

आयुष्मान घोटाला दो महीने पहले शुरू हो सकती थी जांच, पढ़िये कहां दबी रही फाइल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट आयुष्मान भारत को मध्य प्रदेश में अस्पतालों के लिए रुपयों की खदान बनाने में जुटे लोगों की जांच आज से करीब दो महीने पहले ही शुरू हो सकती थी लेकिन लोकायुक्त संगठन की विशेष पुलिस स्थापना द्वारा शिकायत पर प्रारंभिक कार्रवाई के बाद मामला शांत हो गया। विशेष पुलिस स्थापना जिसे आमचलन में लोकायुक्त पुलिस भी कहा जाता है, लोकायुक्त संगठन ने जांच सौंपने से रोक दिया गया। आपको बताने जा रहे हैं कि आयुष्मान भारत घोटाले की जांच के बाद लोकायुक्त संगठन-लोकायुक्त पुलिस के बीच किस तरह चला शीतयुद्ध।

जयस ने ST के साथ एससी, ओबीसी, अल्पसंख्यक को नजदीकी बढ़ाई, सवाल पूरी JAYS एकसाथ है क्या

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 का समय अब कुछ महीने ही बचा है तो राजनीतिक गतिविधियां रोज नई करवट ले रही हैं। आदिवासियों के संगठन जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) ने 2018 में कांग्रेस का साथ दिया था लेकिन इस बार जयस के टुकड़े होने से अब इसका एक धड़ा आदिवासियों के अलावा अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक को साथ लेने की कोशिश में चल रहा है। यह माना जा रहा है कि जयस के एक गुट को भाजपा का पीछे से सहयोग है और उसके सहारे इस बार कांग्रेस के वोट को बांटने के प्रयास तेज हो गए हैं।

लोकायुक्त पुलिस में बदलाव में अखिल भारतीय सेवाओं के अफसरों की भूमिका, जानिये किसका क्या रोल

मध्य प्रदेश में लोकायुक्त की विशेष पुलिस स्थापना में दो दिसंबर को हुए बदलाव में लोकायुक्त ही नहीं अखिल भारतीय सेवा के कुछ अफसरों की भी विशेष भूमिका रही है। शीर्ष अफसरों के हस्तक्षेप के बाद विशेष पुलिस स्थापना में पहुंचे कैलाश मकवाना ने छह महीने में भ्रष्टाचार में लिप्त बड़ी मछलियों पर हाथ डालने के लिए फाइलों में ऐसी तैयारी कर ली थी कि अखिल भारतीय सेवा के अफसरों में खलबली मच गई थी। इन सेवा की एक अफसर दंपति के मित्र व कुछ अन्य बड़े अधिकारियों ने ऐसा जाल बुना कि लोकायुक्त की इच्छा भी पूरी हो गई और उनका षड़यंत्र भी सामने नहीं आ सका। इसका खुलासा करती यह रिपोर्ट।

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