धर्म-जातिवाद को लेकर अक्सर विरोध के स्वर उठते रहते हैं लेकिन जब भी कहीं चुनाव आते हैं तो राजनीतिक दल इसके ईर्दगिर्द खुद को सिमट लेते हैं। इन दिनों मध्य प्रदेश में भी ऐसा ही कुछ चल रहा है जिसमें भाजपा, कांग्रेस से काफी आगे चल रही है। उसने जातिवाद के साथ जनजातीय समाज की अपनी कमजोर कड़ी को मजबूती देने पर मैदानी रणनीति के साथ सरकार में होने का लाभ लेते हुए प्रशासनिक रूप से भी काम किया है। वहीं, कांग्रेस ने जनजातीय समाज के युवा वर्गों को साधने के लिए यूथ लीडरशिप को आगे कर दिया है जिससे भाजपा को टक्कर मिल रही है।
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