Category Archives: आपकी आवाज, हमारी कलम

CM शिवराज के साले मसानी ने उदयपुरा में दिया धाकड़ समाज का परिचय, कांग्रेसजनों की धड़कनें बढ़ीं

चुनाव मैदान में उतरने के लिए नेता अपने-अपने क्षेत्र में सक्रियता बढ़ा रहे हैं। भोपाल से सटे रायसेन जिले की उदयपुरा विधानसभा सीट में भी संजय सिंह मसानी की सक्रियता बढ़ी है जो वहां अपने आपको धाकड़ समाज का बताकर सामाजिक कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं। मसानी की वजह से उदयपुरा के स्थानीय कांग्रेस नेताओं की धड़कनें इन दिनों बढ़ गई हैं। मसानी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साले हैं जो पिछले विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस में शामिल हो गए थे।

कांग्रेस कार्यकारिणी: इंदौर का विवाद सुलझा नहीं खंडवा में शुरू, एक महीने बाद भी गलती में सुधार नहीं

मध्य प्रदेश में कांग्रेस संगठन में लंबे समय से बदलाव की प्रतीक्षा थी लेकिन पिछले महीने घोषणा के बाद अब इंदौर के बाद खंडवा में जिला अध्यक्षों के फैसलों को होल्ड पर डाल दिया गया है। 155 पदाधिकारियों में एक ही परिवार के दो-दो सदस्यों के नाम शामिल कर दिए गए हैं तो घोषित कार्यकारिणी की जो सूची में कुछ त्रुटियां अभी भी हैं जिन्हें एक महीने बाद भी सुधारा नहीं गया है। वहीं, कांग्रेस की सूची में शामिल पदाधिकारियों के फैसलों को होल्ड किए जाने पर अब सीएम शिवराज सिंह चौहान भी तंज कसते हुए कांग्रेस को जनता द्वारा होल्ड किए जाने की चुटकी लेने से नहीं चूक रहे हैं।

नर्सिंग भर्ती परीक्षा पेपर लीक पर सवाल, घोटाले के आरोपों पर पर्दा तो नहीं डाला जा रहा

मध्य प्रदेश में नर्सिंग भर्ती परीक्षा में घोटाले को लेकर कुछ समय पहले ही आशंका जताई गई थी और आज जब परीक्षा होने जा रही थी तभी इसका पर्चा कथित रूप से लीक होने की खबर आई। तुरत-फुरत इसे निरस्त कर दिया गया। कई सालों बाद नर्सिंग भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी।

मृग मरीचिकाः CM चेहरा-कार्यकारी अध्यक्ष पर बयानों के बीच सिंधिया के गढ़ में कांग्रेसी एकता

कांग्रेस की गुटबाजी को नेता दशकों से आतंरिक लोकतंत्र कहकर उसे पार्टी के लिए हेल्दी बताते रहे हैं मगर इस बार बड़े नेताओं के बीच मतभेद सरकार के गिरने से व्यवहार में झलकने लगे हैं। कुछ महीने बाद होने वाले चुनावों में कार्यकर्ताओं के बीच नेता आपसी एकता को दिखाने के लिए एकसाथ कार्यक्रम में पहुंचकर इस पर पर्दा डालने की कोशिश करते हैं। पिछले कुछ समय से बड़े नेताओं के बीच दूरी संगठन के फैसलों में दिखाई देने से एकता मृगमरीचिका बन गई है। कांग्रेसी नेताओं की एकता पर हमारी खास रिपोर्ट।

MP विधानसभा का बजट सत्रः कभी 31 बैठकों में चर्चा होती थी मगर अब सात बैठक ही पर्याप्त होने लगीं

मध्य प्रदेश का बजट 27 फरवरी से 27 मार्च के बीच होने वाले विधानसभा सत्र में प्रस्तुत किया जाएगा मगर जिस बजट के लिए प्रदेश में कभी 31 बैठकें होती थीं वह अब सिमटते-सिमटते हफ्ते-दस दिन की बैठकों तक रह गया है। 11वीं विधानसभा में 25 से लेकर 31 बैठकों में बजट पारित्र हुआ लेकिन पंद्रहवीं विधानसभा आते-आते 22 साल में बजट जैसे गंभीर मामले में बैठकों की संख्या आठ से 13 के बीच रह गई। इस बार भी 13 बैठकें हैं लेकिन देखा जा रहा है कि निर्धारित बैठकों की संख्या से बहुत कम बैठकें ही हो पाती हैं। आईए आपको बताते हैं कि 11वीं विधानसभा से 15वीं विधानसभा के बजट सत्र में कितनी बैठकों में चर्चा के बाद प्रदेश का बजट पारित हुआ।

राजनीतिक गलियारों में भाजपा की आज की एक तस्वीर चर्चा में, सत्ता-संगठन की मुस्कान

मध्य प्रदेश में चुनाव साल चल रहा है और इस समय राजनीतिक उथल-पुथल की शंका-कुशंकाएं चर्चा में हैं। कांग्रेस हो या भाजपा, दोनों ही दलों में असंतुष्ट नेताओं कई तरह की चर्चाओं को जोर देते रहते हैं और ऐसे समय में उनकी सक्रियता बढ़ जाती है। प्रदेश के भाजपा के दो प्रमुख नेताओं की एक तस्वीर आज चर्चा में आ गई है जिसमें सत्ता-संगठन की मुस्कान दिखाई दे रही है। पढ़िये राजनीतिक गलियारों की चुनाव वर्ष की प्रमुख चर्चाएं क्या रहीं और चल रही हैं।

विलीनीकरण आंदोलन के नेता ठाकुर लाल सिंह भोपाल से भेजे गए संविधान सभा, जाने कब-क्या हुआ

भारत के संविधान को लागू हुए 73 साल पूरे हो चुके हैं। संविधान बनाने वाली संविधान सभा में भोपाल रियासत से विलीनीकरण आंदोलन के नेता ठाकुर लाल सिंह को भेजा गया था। मगर दुर्भाग्य से उनके नाम पर देर से फैसला हुआ और इसका क्या असर पड़ा पढ़िये हमारी खास रिपोर्ट।

सेना पर सवाल उठाने पर दिग्विजय पार्टी में अलग-थलग पड़े, यात्रा के दौरान दूसरी बार बने ऐसे हालात

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के सूत्रधारों में से एक माने जा रहे मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह यात्रा के दौरान दूसरी बार पार्टी में अलग-थलग दिखाई दे रहे हैं। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार जाने के बाद उनके प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ से संबंधों में खटास आई थी और भारत जोड़ो यात्रा से उन्हें हाईकमान के करीब पहुंचने का मौका मिला था। मगर संवेदनशील मामलों में विवादास्पद बयान देने की पहचान बना चुके दिग्विजय के लिए इस बार फिर विपरीत परिस्थितियां पैदा बनती नजर आ रही हैं। पढ़िये खास रिपोर्ट।

नगरीय निकाय चुनावों के परिणाम 2023 का सेमी फाइनल, भाजपा की बढ़ा सकते हैं परेशानी

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 के सेमी फाइनल 19 नगरीय निकाय चुनाव साबित हो सकते हैं और इनके जो परिणाम सामने आए हैं, वह भाजपा के लिए चिंता के कारण बन सकते हैं। हालांकि भाजपा नेतृत्व ऊपरी तौर पर इन चुनावों के लिए प्रदेश नेतृत्व को बधाई दे रहा है लेकिन उसमें चिंता की तस्वीर भी दिखाई दे रही है। सत्तारूढ़ दल होने के बाद भी राघौगढ़ से लेकर पीथमपुर जैसे नगरीय निकाय में भाजपा को मिली शिकस्त विधानसभा चुनाव के सेमी फाइनल हॉकी के शूटआउट या क्रिकेट के बारिश की वजह से आए परिणाम जैसे राहत भरे लगते हैं। देखिये नगरीय निकाय चुनाव में कैसी है भाजपा-कांग्रेस की स्थिति।

सिंधिया को तोप नहीं मानने वाली कांग्रेस को कार्यकारिणी के लिए गुना-शिवपुरी में नहीं मिले नेता, छोटे जिले भी उपेक्षित

पूर्व मुख्यंमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ जिस केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को तोप मानने से इनकार कर रहे हैं, उनकी कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी के लिए गुना-शिवपुरी में कोई नेता नहीं मिले हैं। ग्वालियर-चंबल संभाग के शिवपुरी-गुना-अशोक नगर जिलों से पीसीसी की नवगठित कार्यकारिणी में कोई नेता नहीं है। वहीं, कुछ छोटे जिलों को 155 उपाध्यक्ष-महासचिवों की कार्यकारिणी में उपेक्षित कर दिया गया है। आपको बता रहे हैं किस जिले से किसे मिला पीसीसी कार्यकारिणी में जगह।

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